रायपुर: कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने मंगलवार को पॉपकॉर्न पर तीन अलग अलग जीएसटी दरें रखने के कदम पर सरकार की आलोचना की और कहा कि लोग पहले से ही ऊंची कीमतों से जूझ रहे हैं और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार को इतना ऊंचा जीएसटी लगाने के फैसले पर 'शर्मिंदा' होना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मक्के की खेती (पॉपकॉर्न का स्रोत) बिहार और देश के अन्य स्थानों पर होती है और लोग कभी कभी इसे मुफ्त में दे देते हैं.
महंगाई पर भी किया हमला: कांग्रेस सांसद ने महंगाई को लेकर भी भाजपा सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि पहले 2000 रुपये की सब्जियां एक महीने तक चलती थीं, लेकिन अब मुश्किल से एक हफ्ते तक चल पाती हैं. इससे पहले, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पॉपकॉर्न के लिए अलग अलग जीएसटी टैक्स स्लैब की आलोचना की और इसे बेतुका बताया.
पॉपकॉर्न पर राजनीति: जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग अलग टैक्स स्लैब की बेतुकी बात, जिसने सोशल मीडिया पर मीम्स की सुनामी ला दी है, केवल एक गहरे मुद्दे को प्रकाश में लाती है. एक ऐसी प्रणाली की बढ़ती जटिलता जिसे एक अच्छा और सरल कर माना जाता था. जीएसटी चोरी, इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी आम है और जीएसटी प्रणाली में 'खेल' करने के लिए स्थापित फर्जी कंपनियों की संख्या हजारों में है. आपूर्ति श्रृंखलाओं की ट्रैकिंग कमजोर है. पंजीकरण प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है, जिसका फायदा उठाया जा रहा है. टर्नओवर छूट में खामियां, अनुपालन आवश्यकताएं अब भी बोझिल हैं और माल का गलत वर्गीकरण अक्सर होता है.''
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि "जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) द्वारा उजागर किए गए कर धोखाधड़ी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024 में 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी हुई है. केंद्रीय बजट अब केवल 40 दिन दूर है. क्या पीएम और एफएम एक पूर्ण लॉन्च करने का साहस जुटाएंगे? ओवरहाल करें और जीएसटी 2.0 स्थापित करें?"