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राज्यसभा चुनाव : भाजपा और कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते, सियासी गलियारों में इन नामों की चर्चा - राज्यसभा चुनाव

Rajya Sabha Election 2024, राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले, लेकिन दोनों ही पार्टियों में 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई. विधायकों की संख्या के लिहाज से यह तय है कि दो सीटें भाजपा के खाते में जबकि एक सीट कांग्रेस को मिलेगी.

Rajya Sabha Election 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 2:12 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 2:49 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई. हालांकि, दोनों ही पार्टियों ने अभी तक प्रत्याशियों के नाम पार्टियों ने घोषित नहीं किे, जिसके चलते एक भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ. नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. विधायकों की संख्या के लिहाज से यह तय है कि दो सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी. तीन प्रत्याशी होते हैं तो निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा, लेकिन चौथा प्रत्याशी मैदान में उतरता है तो मतदान होगा. बीजेपी और कांग्रेस के कई दावेदारों के नाम सियासी गलियारों में उछल रहे हैं.

नामों पर चल रहा विचार, अभी नहीं फाइनल : भले ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन दोनों ही दलों में नाम तय नहीं हो पाए हैं. दोनों ही दलों में उच्च स्तरीय मंथन चल रहा है. कांग्रेस की तरफ से मनमोहन सिंह की उम्र 91 साल हो गई है. उनकी जगह अब कांग्रेस किसी दूसरे दिग्गज नेता को राज्यसभा भेजेगी. कांग्रेस के दावेदार की बात करे तो कांग्रेस पूर्व केन्द्र मंत्री और गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले भंवर जितेंद्र का नाम मजबूती से माना जा रहा है.

इसके साथ पूर्व राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन का नाम भी चर्चाओं में है. माखन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थकों माने जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की बात करें तो एक दिल्ली और दूसरे नेता का नाम राजस्थान से फाइनल हो सकता है. राजस्थान से जिस नाम की चर्चा है वो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का. ब्राह्मण समाज से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री, राजपूत समाज से डिप्टी सीएम और दलित वर्ग से भी डिप्टी सीएम बनाने की स्थिति में अब जाट समाज की मजबूत दावेदारी देखी जा रही है और ऐसे स्थिति में पूनिया मजबूत नाम है.

पढ़ें : राज्यसभा में जयंत सिंह ने चौ. चरण सिंह को भारत रत्न देने पर की मोदी सरकार की सराहना

पूनिया की आरएएस में मजबूत पकड़ मानी जाती है. लोकसभा चुनाव में जाट समाज को साधने के लिए पार्टी पूनिया पर दांव खेल सकती है. हालांकि, पूनिया ने अपनी दावेदारी को लेकर ज्यादा कुछ कहने से बचते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. हालांकि, कार्यकर्ता की योग्यता, कार्यक्षमता और प्रभाव को देखकर ही प्रत्याशी का चयन किया जाता है. मुझे लगता है कि राज्यसभा के लिए अच्छे प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी. इसके बीजेपी हलकों में वरिष्ठ नेता ओम माथुर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी सहित कुछ नाम होने की चर्चा चल रही है.

2-1 का रहेगा मामला : बता दें कि प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए निर्वाचन सम्पन्न होना है, जो 3 अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं. प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सीट खाली होगी. इसी तरह बीजेपी से राज्य सरकार कैबिनेट मंत्री बनने के किरोड़ी लाल मीणा के राज्यसभा पद से इस्तीफा के बाद एक सीट खाली हुई. वहीं, दूसरी सीट भूपेंद्र यादव का कार्यकाल पूरा होने पर राज्यसभा सीट खाली होगी. इन तीन सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए दोनों ही दल प्रत्याशियों का नाम चयन पर मंथन कर रहे हैं. वैसे तो राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं. इनमें से तीन पर चुनाव होना है. संख्या बल के हिसाब से दो सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी.

सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग कहते हैं कि एक प्रत्याशी को जीत के लिए 51 वोट चाहिए. कांग्रेस के 70 विधायक हैं. ऐसे में उनके पास 19 वोट सरप्लस हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी को दो प्रत्याशियों के लिए 102 वोट चाहिए और बीजेपी के पास 115 वोट और सात वोट निर्दलीयों के मिलकार 122 वोट हैं. यानी बीजेपी के पास 20 सरप्लस वोट हैं. ऐसी स्थिति में दोनों ही दलों से एक-दो प्रत्याशी के इतर उम्मीदवार उतारना संभव नहीं है. ऐसे में प्रत्याशियों का चुनाव निर्विरोध होने की पूरी संभावना है. हालांकि, इन तीन सीटों पर दो भाजपा और एक कांग्रेस के अलावा और कोई नामांकन नहीं भरता है तो 15 फरवरी को ही निर्विरोध नामांकन हो जाएगा. इनके अलावा भाजपा और कांग्रेस से कोई दूसरा या फिर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करता है तो चुनाव होगा.

किसी उम्मीदवार ने नहीं किया नामांकन पत्र दाखिल : राज्यसभा द्विवार्षिक निर्वाचन-2024 के लिए 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया आरंभ हो गई. नामांकन के तीन दिन में कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन पत्र प्रातः 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक विधानसभा में जमा किए जा सकते हैं. विधानसभा के कमरा नं. 110 से अभ्यर्थी नामांकन पत्र प्राप्त कर सकते हैं और इन्हें कमरा नं. 106 में जमा कराया जा सकेगा. रिटर्निंग ऑफिसर और उनकी अनुपस्थिति में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नामांकन पत्र स्वीकार करेंगे. गुप्ता ने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा 16 फरवरी को विधानसभा के कमरा नं. 751 में होगी. अभ्यर्थी 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे. आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा. मतगणना इसी दिन सायं 5 बजे से होगी. चुनाव प्रक्रिया 29 फरवरी से पूर्व सम्पन्न कर ली जाएगी.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई. हालांकि, दोनों ही पार्टियों ने अभी तक प्रत्याशियों के नाम पार्टियों ने घोषित नहीं किे, जिसके चलते एक भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ. नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. विधायकों की संख्या के लिहाज से यह तय है कि दो सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी. तीन प्रत्याशी होते हैं तो निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा, लेकिन चौथा प्रत्याशी मैदान में उतरता है तो मतदान होगा. बीजेपी और कांग्रेस के कई दावेदारों के नाम सियासी गलियारों में उछल रहे हैं.

नामों पर चल रहा विचार, अभी नहीं फाइनल : भले ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन दोनों ही दलों में नाम तय नहीं हो पाए हैं. दोनों ही दलों में उच्च स्तरीय मंथन चल रहा है. कांग्रेस की तरफ से मनमोहन सिंह की उम्र 91 साल हो गई है. उनकी जगह अब कांग्रेस किसी दूसरे दिग्गज नेता को राज्यसभा भेजेगी. कांग्रेस के दावेदार की बात करे तो कांग्रेस पूर्व केन्द्र मंत्री और गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले भंवर जितेंद्र का नाम मजबूती से माना जा रहा है.

इसके साथ पूर्व राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन का नाम भी चर्चाओं में है. माखन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थकों माने जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की बात करें तो एक दिल्ली और दूसरे नेता का नाम राजस्थान से फाइनल हो सकता है. राजस्थान से जिस नाम की चर्चा है वो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का. ब्राह्मण समाज से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री, राजपूत समाज से डिप्टी सीएम और दलित वर्ग से भी डिप्टी सीएम बनाने की स्थिति में अब जाट समाज की मजबूत दावेदारी देखी जा रही है और ऐसे स्थिति में पूनिया मजबूत नाम है.

पढ़ें : राज्यसभा में जयंत सिंह ने चौ. चरण सिंह को भारत रत्न देने पर की मोदी सरकार की सराहना

पूनिया की आरएएस में मजबूत पकड़ मानी जाती है. लोकसभा चुनाव में जाट समाज को साधने के लिए पार्टी पूनिया पर दांव खेल सकती है. हालांकि, पूनिया ने अपनी दावेदारी को लेकर ज्यादा कुछ कहने से बचते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. हालांकि, कार्यकर्ता की योग्यता, कार्यक्षमता और प्रभाव को देखकर ही प्रत्याशी का चयन किया जाता है. मुझे लगता है कि राज्यसभा के लिए अच्छे प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी. इसके बीजेपी हलकों में वरिष्ठ नेता ओम माथुर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी सहित कुछ नाम होने की चर्चा चल रही है.

2-1 का रहेगा मामला : बता दें कि प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए निर्वाचन सम्पन्न होना है, जो 3 अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं. प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सीट खाली होगी. इसी तरह बीजेपी से राज्य सरकार कैबिनेट मंत्री बनने के किरोड़ी लाल मीणा के राज्यसभा पद से इस्तीफा के बाद एक सीट खाली हुई. वहीं, दूसरी सीट भूपेंद्र यादव का कार्यकाल पूरा होने पर राज्यसभा सीट खाली होगी. इन तीन सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए दोनों ही दल प्रत्याशियों का नाम चयन पर मंथन कर रहे हैं. वैसे तो राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं. इनमें से तीन पर चुनाव होना है. संख्या बल के हिसाब से दो सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी.

सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग कहते हैं कि एक प्रत्याशी को जीत के लिए 51 वोट चाहिए. कांग्रेस के 70 विधायक हैं. ऐसे में उनके पास 19 वोट सरप्लस हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी को दो प्रत्याशियों के लिए 102 वोट चाहिए और बीजेपी के पास 115 वोट और सात वोट निर्दलीयों के मिलकार 122 वोट हैं. यानी बीजेपी के पास 20 सरप्लस वोट हैं. ऐसी स्थिति में दोनों ही दलों से एक-दो प्रत्याशी के इतर उम्मीदवार उतारना संभव नहीं है. ऐसे में प्रत्याशियों का चुनाव निर्विरोध होने की पूरी संभावना है. हालांकि, इन तीन सीटों पर दो भाजपा और एक कांग्रेस के अलावा और कोई नामांकन नहीं भरता है तो 15 फरवरी को ही निर्विरोध नामांकन हो जाएगा. इनके अलावा भाजपा और कांग्रेस से कोई दूसरा या फिर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करता है तो चुनाव होगा.

किसी उम्मीदवार ने नहीं किया नामांकन पत्र दाखिल : राज्यसभा द्विवार्षिक निर्वाचन-2024 के लिए 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया आरंभ हो गई. नामांकन के तीन दिन में कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन पत्र प्रातः 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक विधानसभा में जमा किए जा सकते हैं. विधानसभा के कमरा नं. 110 से अभ्यर्थी नामांकन पत्र प्राप्त कर सकते हैं और इन्हें कमरा नं. 106 में जमा कराया जा सकेगा. रिटर्निंग ऑफिसर और उनकी अनुपस्थिति में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नामांकन पत्र स्वीकार करेंगे. गुप्ता ने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा 16 फरवरी को विधानसभा के कमरा नं. 751 में होगी. अभ्यर्थी 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे. आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा. मतगणना इसी दिन सायं 5 बजे से होगी. चुनाव प्रक्रिया 29 फरवरी से पूर्व सम्पन्न कर ली जाएगी.

Last Updated : Feb 10, 2024, 2:49 PM IST
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