राजनांदगांव: जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) यूनिट है. यूनिट में उन बच्चों को रखा जाता है जिनका वजन कम है या फिर उनको पीलिया की शिकायत है. जिला अस्पताल के दो वेंटीलेटर पिछले 3 माह से बंद पड़ा है. मेडिकल कॉलेज में 20 बेड वाले इस यूनिट में 33 बच्चे भर्ती हैं. एक बच्चे के साथ दो-तीन बच्चों को एडजस्ट किया जा रहा है. ऐसे में बेहतर इलाज की उम्मीद लिए जो मरीज या उनके परिजन यहां आते हैं उनको यहां की व्यवस्था निराश कर देती है.
तीन महीने से बंद पड़े हैं दो वेंटीलेटर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल राजनांदगांव में 20 बेड का एसएनसीयू यूनिट संचालित है. जिसमें 33 बच्चे भर्ती हैं. इन बच्चों को एक दूसरे के साथ रखा गया है. परिजनों को डर है कि एक साथ बच्चे को रखे जाने से उनका बच्चा भी इनफेक्टेड हो सकता है. परिजनों की आशंका का बावजूद भी बच्चों का इसी हाल में इलाज किया जा रहा है. वहीं जिला अस्पताल का हाल भी कुछ ऐसा ही है. यहां पिछले तीन महीने से दो वेंटीलेटर खराब पड़े हैं. जिला अस्पताल में कुल 18 बेड हैं. जहां नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है.
''अस्पताल प्रबंधन लगातार सुविधाओं में सुधार की कोशिश कर रहा है. खराब वेंटीलेटर को ठीक करने के लिए सूचना आगे दी गई है. उम्मीद है जल्द ही इसे सुधार लिया जाएगा''.- अनिल महाकालकर, प्रभारी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, राजनांदगांव
जल्द सुधरे हालात: सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल किसी से छिपा नहीं है. लेकिन जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दोनों में जब एक साथ इस तरह की दिक्कत होगी तो मरीजों को जरुर असुविधा का सामना करना पड़ेगा. गांव देहात से आने वाले मरीज को बेहतर और समय पर इलाज मिले इसकी व्यवस्था सरकार को जरुर करनी चाहिए.