शिमला: हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री, राजेश धर्माणी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट की. इस दौरान उन्होंने हिमाचल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का आग्रह किया. इसके अतिरिक्त तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास से संबंधित अन्य नए प्रस्तावों और लंबित मामलों पर भी चर्चा हुई.
राजेश धर्माणी ने कहा कि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित होने से प्रदेश सहित देश के वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र को विस्तार मिलेगा. यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी, अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर और केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हैं. यह संस्थान उच्चतर शिक्षा को मजबूत आधार प्रदान करते हुए देशभर की बेहतरीन प्रतिभाओं को अनुसंधान के लिए एक उत्कृष्ट तंत्र भी प्रदान कर रहे हैं.
भूमि प्रदान करेगी सरकार: धर्माणी ने कहा कि हिमाचल में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के लिए प्रदेश सरकार भूमि देने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि हिमालयी पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए यह संस्थान जटिल पर्यावरणीय उपायों में योगदान सुनिश्चित करेगा और प्रदेश के विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए केंद्र सरकार और सभी हितधारकों के साथ मिलकर कार्य करेगी.
राजेश धर्माणी ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिगत वर्तमान में स्थापित तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों को स्तरोन्नत करने और नए संस्थान स्थापित करने पर विशेष ध्यान केंद्रिंत कर रही है. इन संस्थानों में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं और युवाओं को नई तकनीकों में पारंगत करने के लिए उन्नत प्रयोगशालाओं और अन्य आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र का भी आग्रह: तकनीकी शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया. इससे हिमाचल का युवा विदेशों में स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल, आतिथ्य, रीयल एस्टेट तथा वाणिज्य सेवाओं सहित अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सक्षम होगा. उन्होंने हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम शिमला में युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप परामर्श, कौशल परीक्षण और प्रमाणन इत्यादि की सुविधा के दृष्टिगत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से एक टीम स्थाई रूप से तैनात करने का भी आग्रह किया.
उन्होंने तकनीकी संस्थानों में ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहयोग निवेदन किया. उन्होंने बहुतकनीकी संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक विकास योजना के तहत वर्ष 2023-24 के लिए निधि जारी करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के छः बहुतकनीकी संस्थान चयनित किए गए हैं. इसके साथ ही वर्ष 2024-25 के लिए योजना के तहत अन्य संस्थान चयनित करने का भी आग्रह किया.
पैसा जारी करने का भी आग्रह: राजेश धर्माणी ने औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना के तहत निधि समय पर जारी करने और इस परियोजना को 31 मई, 2024 से आगे बढ़ाने की बात रखी. इसके अतिरिक्त उन्होंने तकनीकी शिक्षा में बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान सुधार योजना के तहत हिमाचल के चयनित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों और बहुतकनीकी संस्थानों को प्रदान की जाने वाली क्रमशः 10 करोड़ एवं 6 करोड़ की राशि जल्द जारी करने का आग्रह किया.
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