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साइबर क्राइम अवेयरनेस: पंचायत 3 के भूषण और विनोद की मदद से पुलिस बता रही साइबर क्राइम से बचने का तरीका - Rajasthan Police awareness message

वेब सीरीज पंचायत का तीसरा सेशन जारी होने के बाद इसका खुमार लोगों के सिर चढ़ा हुआ है. साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए राजस्थान पुलिस भी पंचायत वेब सीरीज के किरदारों के जरिए आमजन को जागरूक कर रही है.

Rajasthan Police awareness message
पंचायत वेब सीरीज को लेकर पुलिस का जागरूकता संदेश (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 29, 2024, 6:11 PM IST

जयपुर. लोकप्रिय वेब सीरीज पंचायत का तीसरा सेशन जारी होने के बाद लोगों के सिर पर इसका जादू चढ़ा हुआ है. इस बीच साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए राजस्थान पुलिस की मीडिया सेल भी पंचायत वेब सीरीज के किरदारों की मदद ले रही है. दरअसल, राजस्थान पुलिस के X हैंडल से साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 12 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया गया है. इस पोस्ट में लिखा है, 'भूषण के समझाने पर बिनोद तो समझदार बन गया. आप बने कि नहीं? तो भैया... आप भी पंचायत बिठाओ और ये जानकारी सब तक पहुंचाओ. अपना ओटीपी, पिन या पासवर्ड शेयर नहीं करें. आपके साथ हुआ है कोई ऑनलाइन फ्रॉड, तो चुप नहीं रहें. साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर सूचना दें.

साइबर ठगी होने पर इस तरह दर्ज करवाएं शिकायत: साइबर क्राइम की रोकथाम को लेकर पुलिस की गाइडलाइन के मुताबिक, साइबर अपराध की घटना का शिकार होने पर तुरंत 1930 नंबर डायल करना चाहिए. इस नंबर पर उसी मोबाइल नंबर से कॉल करना चाहिए. जिससे आपका UPI ID या बैंक अकाउंट लिंक हो. यह नंबर सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा होता है. इस नंबर पर कॉल करने से आपको फ्रॉड से जुड़ी जानकारियां मांगी जाएगी.

पढ़ें: KBC के नाम पर महिला से ऐंठे 15 लाख, 5 साल बाद बिहार से आरोपी गिरफ्तार - Cyber Fraud Case

पिन, पासवर्ड या ओटीपी नहीं मांगा जाएगा: साइबर हेल्पलाइन पर साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करवाने के लिए एटीएम का पिन, नेट बैंकिंग का पासवर्ड या ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी नहीं मांगी जाती है. ऐसी संवेदनशील जानकारियां किसी के साथ भी साझा करने से हर हाल में बचना चाहिए. शिकायत दर्ज करवाते समय केवल नाम, पता, फ्रॉड के तरीके और समय जैसी जानकारियां देनी होंगी.

पढ़ें: 12 राज्यों में ठगी करने वाली साइबर गैंग के 4 सदस्य गिरफ्तार, पुराने सिक्के बेचने का लालच देकर करते थे ठगी - 4 Members Of Cyber Gang Arrested

जल्दी शिकायत पर रिकवरी की संभावना ज्यादा: साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने के बाद शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा और कोशिश की जाती है कि बैंक खाते से ठगी गई रकम वापस दिलाई जाए. यह नंबर गृह मंत्रालय का टोल फ्री नंबर है और इस पर कभी भी साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. ऐसी घटना के बाद, जितनी जल्दी आप 1930 पर शिकायत दर्ज होगी. ठगी की रकम वापस मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.

जयपुर. लोकप्रिय वेब सीरीज पंचायत का तीसरा सेशन जारी होने के बाद लोगों के सिर पर इसका जादू चढ़ा हुआ है. इस बीच साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए राजस्थान पुलिस की मीडिया सेल भी पंचायत वेब सीरीज के किरदारों की मदद ले रही है. दरअसल, राजस्थान पुलिस के X हैंडल से साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 12 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया गया है. इस पोस्ट में लिखा है, 'भूषण के समझाने पर बिनोद तो समझदार बन गया. आप बने कि नहीं? तो भैया... आप भी पंचायत बिठाओ और ये जानकारी सब तक पहुंचाओ. अपना ओटीपी, पिन या पासवर्ड शेयर नहीं करें. आपके साथ हुआ है कोई ऑनलाइन फ्रॉड, तो चुप नहीं रहें. साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर सूचना दें.

साइबर ठगी होने पर इस तरह दर्ज करवाएं शिकायत: साइबर क्राइम की रोकथाम को लेकर पुलिस की गाइडलाइन के मुताबिक, साइबर अपराध की घटना का शिकार होने पर तुरंत 1930 नंबर डायल करना चाहिए. इस नंबर पर उसी मोबाइल नंबर से कॉल करना चाहिए. जिससे आपका UPI ID या बैंक अकाउंट लिंक हो. यह नंबर सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा होता है. इस नंबर पर कॉल करने से आपको फ्रॉड से जुड़ी जानकारियां मांगी जाएगी.

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पिन, पासवर्ड या ओटीपी नहीं मांगा जाएगा: साइबर हेल्पलाइन पर साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करवाने के लिए एटीएम का पिन, नेट बैंकिंग का पासवर्ड या ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी नहीं मांगी जाती है. ऐसी संवेदनशील जानकारियां किसी के साथ भी साझा करने से हर हाल में बचना चाहिए. शिकायत दर्ज करवाते समय केवल नाम, पता, फ्रॉड के तरीके और समय जैसी जानकारियां देनी होंगी.

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जल्दी शिकायत पर रिकवरी की संभावना ज्यादा: साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने के बाद शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा और कोशिश की जाती है कि बैंक खाते से ठगी गई रकम वापस दिलाई जाए. यह नंबर गृह मंत्रालय का टोल फ्री नंबर है और इस पर कभी भी साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. ऐसी घटना के बाद, जितनी जल्दी आप 1930 पर शिकायत दर्ज होगी. ठगी की रकम वापस मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.

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