जयपुर : राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर इस योजना में देरी करने और प्रदेश सरकार पर मध्य प्रदेश से किया गया एमओयू जनता से छुपाने का आरोप लगाया है.
मीडिया से बातचीत में टीकाराम जूली ने कहा कि भजनलाल सरकार का एक साल पूरा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी 17 दिसंबर को जयपुर आने का कार्यक्रम है. यहां वे जिस योजना का शिलान्यास करने वाले हैं, वो योजना तो मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत ने शुरू कर दी थी. उस योजना में तो दो बांध बनकर तैयार हैं. उनका काम पूरा हो चुका है. अब किस बात का शिलान्यास? हमारे किए हुए काम का पीएम मोदी शिलान्यास कर रहे हैं. वो एक अलग बात है. पीएम मोदी को तो राजस्थान की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि इस योजना में उनकी वजह से देरी हुई है.
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पीएम के वादे के बावजूद नहीं बनी राष्ट्रीय परियोजना : जूली ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अजमेर और जयपुर में राजस्थान की जनता से वादा किया था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाया जाएगा, लेकिन आज तक इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिला है. दो बार राजस्थान से 25 के 25 सांसद जीतकर गए. राजस्थान का जलशक्ति मंत्री होते हुए भी हमें इस योजना का लाभ नहीं मिला.
वसुंधरा राजे को क्रेडिट जाता, इसलिए अटकाई : टीकाराम जूली ने कहा कि वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री रहते ईआरसीपी का प्रोजेक्ट बनाकर भेजा था. उन्होंने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे की योजना होने का संशय पैदा हुआ. क्रेडिट उन्हें मिलने के कारण इन्होंने इस योजना को अटककर रखा. आज जब ये इसे लागू करना चाह रहे हैं तो इसका नाम बदल दिया. ईआरसीपी का नाम अब पीकेसी कर दिया गया है. नाम क्यों बदला गया?
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एमओयू आज तक नहीं किया गया सार्वजनिक : उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात कि इस योजना का एमओयू आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. राजस्थान सरकार ने मध्य प्रदेश के साथ क्या समझौता किया है, यह जनता के सामने आना चाहिए. इसका खुलासा होना चाहिए. यह आपके घर की दुकान थोड़ी है कि आप उसे दबाकर बैठे हो. आप विधानसभा में नहीं बता सकते, मीडिया में नहीं बता सकते, जनता को नहीं बता सकते कि क्या एमओयू किया है. इसे आप छुपा क्यों रहे हो? क्या कमियां हैं जो जनता के सामने नहीं लेकर आना चाह रहे. यह गंभीर विषय है कि एमओयू होने के बाद सरकार इसे दबाकर बैठी है.
किसान, युवा और महिलाएं परेशान : टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के हालात यह हैं कि किसान को सिंचाई के लिए तीन घंटे बिजली दी जा रही है. सरकार अपनी वाहवाही करने में मस्त है. रात के समय सिंगल फेज बिजली भी नहीं दी जा रही है. ये बातें बड़ी-बड़ी कर रहे हैं और धरातल पर कुछ नहीं है. गरीबों को, दिव्यांगों को, विधवाओं को और बुजुर्गों को चार-चार महीने से पेंशन नहीं दे पा रहे हैं. बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. युवाओं को देने के लिए बेरोजगारी भत्ता इनके पास नहीं है. फिर किस चीज की सरकार चल रही है.