जयपुर. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में राजस्थान की 13 संसदीय सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है. इन 13 सीटों में 5 ऐसी सीटें है, जहां भाजपा के कई दिग्गज मैदान में हैं, जिन पर सबकी निगाहें हैं. इनमें बाड़मेर-जैसलमेर, जोधपुर, कोटा-बूंदी, चितौड़गढ़ और झालवाड़-बारां समेत पांच सीटें शामिल हैं. इनमें दो केंद्रीय मंत्री, लोकसभा स्पीकर और पूर्व सीएम के बेटे की किस्मत दांव पर लगी है. इसके साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी मैदान में हैं. वहीं, कुछ सीटों पर भाजपा के नाराज नेता ही पार्टी प्रत्याशी के लिए खतरा बने हुए हैं.
दूसरे चरण की 13 सीट पर वोटिंग : प्रदेश में दूसरे चरण में टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर-सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी और झालावाड़-बारां सीट पर वोटिंग जारी है. भाजपा इन सभी 13 सीटों पर चुनावी मैदान में है, जबकि कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बांसवाड़ा में कांग्रेस ने बाप के राजकुमार रोत को समर्थन दिया है. दूसरे चरण की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है. हालांकि, उनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां कभी भाजपा परिवार के सदस्य रहे नेताओं ने मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसमें बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद भाजपा को समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा में बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है.
वहीं, कोटा-बूंदी लोकसभा सीट वैसे तो भाजपा प्रत्याशी और लोकसभा स्पीकर के लिए आसान सीट थी, लेकिन इस सीट पर भाजपा से कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसके अलावा कोटा-बूंदी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे तो चितौड़गढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की साख दांव पर है.
दांव पर इन दिग्गजों की साख
जोधपुर : इस सीट पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रतिष्ठा दांव पर है. उनके सामने कांग्रेस के करण सिंह उचियारड़ा नए चेहरा हैं.
कोटा-बूंदी : इस सीट पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस बार के चुनाव में यहां रोचक मुकाबला है, क्योंकि यहां वास्तविकता में टक्कर भाजपा के ही पूर्व और मौजूदा दिग्गजों में हैं. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सामने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल हैं. गुंजल चार महीने पहले विधानसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े थे. ऐसे में बिरला को वोट कटने का खतरा है.
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बाड़मेर-जैसलमेर : इस सीट पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है. त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी इस सीट पर कैलाश चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी से है.
चित्तौड़गढ़ : इस सीट मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी की साख दांव पर है. चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर इस बार सबकी नजर टिकी है. यहां मुकाबला काफी रोचक है. एक तरफ भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं तो जोशी का सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी उदयलाल आंजना से है.
झालावाड़-बारां : इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि यहां उनके पुत्र दुष्यंत सिंह मैदान में हैं. पांचवीं बार वो चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से राजे खुद पांच बार सांसद रह चुकी हैं. हालांकि, भाजपा के लिए ये सुरक्षित सीट है. वहीं, यहां दुष्यंत का मुकाबला गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया से है.