जयपुर. राजस्थान में 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतगणना के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 4 जून को सुबह 8 बजे से मतों की गिनती प्रारंभ होगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट की माध्यम से डाले गए मतों की गिनती की जाएगी और उसके बाद ईवीएम के मतों की गिनती होगी. कड़ी सुरक्षा के बीच 25 लोकसभा क्षेत्रों लिए 29 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती होगी. मतगणना के लिए 2,713 टेबल्स पर कुल 4,033 राउंड में ईवीएम के मतों की गणना होगी.
लोकसभा वार स्थिति देखें तो सबसे पहले रिजल्ट टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर आ सकता है. यहां अधिकतम 20 राउंड में काउंटिंग पूरी हो जाएगी. यहां मौजूद आठ विधानसभा क्षेत्र में मालपुरा और निवाई ऐसी सीटें हैं, जहां 20-20 राउंड में काउंटिंग पूरी होगी. बाकी विधानसभा में 18 और 19 राउंड में काउंटिंग पूरी होगी. यहां हर विधानसभा में 14-14 टेबल लगाई गई है. इसी तरह, राजसमंद लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 28 राउंड में काउंटिंग पूरी होगी. यहां टेबल की संख्या हर विधानसभा में कम से कम 10 और अधिकतम 12 लगाई है. इसके कारण यहां काउंटिंग न्यूनतम 24 और अधिकतम 28 राउंड में पूरी होगी.
25 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 29 मतगणना केंद्र : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य की 25 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 29 मतगणना केंद्र होंगे. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र, नागौर लोकसभा क्षेत्र, करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र और गंगानगर लोकसभा क्षेत्र में दो-दो मतगणना केंद्र होंगे. गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में ईवीएम के माध्यम से डाले गए मतों की 4,033 राउंड में पूरी होगी. प्रदेश में कम से कम 20 राउंड की काउंटिंग होगी, जबकि ज्यादा से ज्यादा 28 राउंड की मतगणना होगी.
मतगणना के लिए कुल 235 कक्ष होंगे, जबकि पोस्टल बैलेट के लिए 62 कक्ष होंगे. ईवीएम के मतों की गणना के लिए 2,713 टेबल्स और पोस्टल बैलेट और ईटीबीपीएस से डाले गए मतों की गणना के लिए 800 टेबल्स लगाई जाएंगी. गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले पोस्टल बैलेट की मतगणना शुरू होगी. पोस्टल बैलेट की मतगणना के आधे घंटे पश्चात सुबह 8:30 बजे ईवीएम से मतगणना प्रारंभ होगी. बैलेट की मतणना समाप्त होते ही अभ्यर्थी वार डाक मतपत्रों के परिणाम की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रत्येक राउंड पूरा होने पर नियमानुसार उस राउंड के परिणाम की घोषणा की जाएगी उसके बाद दूसरे राउंड की गिनती प्रारंभ होगी.
3,500 माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त : प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतगणना के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी तैयारियां कर ली गई हैं. मतगणना टेबल्स के लिए कुल 3500 माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं. प्रदेश में मतगणना के लिए 1200 से ज्यादा एआरओ की ट्रेनिंग हो चुकी है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कुल 56 मतगणना पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस आयुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों को मतगणना केंद्र में सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. मतगणना का दिन शुष्क दिवस घोषित किया गया है.
गुप्ता ने बताया कि मतगणना स्थल पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. केवल अधिकृत पास-धारक व्यक्ति ही प्रवेश कर सकेंगे. मतगणना कर्मियों का रेंडमाइजेशन त्रिस्तरीय होगा. गुप्ता ने बताया कि ईवीएम की मतगणना टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइजर, काउंटिंग असिस्टेंट, काउंटिंग स्टाफ तथा एक माइक्रो ऑब्जर्वर रहेगा. इसी प्रकार, पोस्टल बैलेट की गणना टेबल पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी, एक काउंटिंग सुपरवाईजर, दो काउंटिंग असिस्टेंट और एक माइक्रो ऑब्जर्वर रहेगा. माइक्रो ऑब्जर्वर केन्द्र सरकार के विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी होंगे.
मतगणना स्थल पर ट्रेंड-टीवी पर भी जारी होंगे रुझान : मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ईवीएम/पोस्टल बैलेट की टेबल पर अभ्यर्थी के काउंटिंग एजेंट भी रहेंगे. स्ट्रॉन्ग रूम से मतगणना हॉल तक मशीनें पहुंचने के लिए पृथक-पृथक मार्ग/रास्ता/व्यवस्था निर्धारित की गई है, जिसका सीसीटीवी कवरेज होगी. इलेक्शन ऑब्जर्वर के अतिरिक्त किसी को भी मतगणना हॉल में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है. केवल रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी और काउंटिंग सुपरवाइजर जो ईटीपीबीएमएस से जुड़े हैं, वह केवल ईटीपीबीएमएस सिस्टम ओपन करने के लिए ओटीपी के लिए मोबाइल ले जा सकेंगे. इसके पश्चात मोबाइल बंद कर प्रेक्षक, रिटर्निंग अधिकारी एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कराएंगे. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि अधिकृत मीडियाकर्मियों के लिए मतगणना केंद्र पर एक पृथक कक्ष में मीडिया सेंटर बनाया गया है, जहां पर टेलीफोन, कम्प्यूटर और इंटरनेट आदि की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
मतगणना केंद्र पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम : गुप्ता ने बताया कि रिटर्निंग अधिकारियों की ओर से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार कानून-व्यवस्था की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जाएगी. रिटर्निंग अधिकारी किसी भी राजनीतिक व्यक्ति, मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी से निर्देश प्राप्त नहीं करेंगे और न ही किसी तरह से कोई पक्षपात करेंगे. मतगणना स्थल में प्रवेश करने के लिए वैध प्राधिकार पत्र होने के बाद भी यदि आरओ को मतगणना हॉल में किसी व्यक्ति की उपस्थिति के बारे में उचित संदेह है, तो वह उसकी तलाशी ले सकता है.
उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल के बाहर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रहेगी और किसी भी व्यक्ति को बिना अनुमति के कमरे में प्रवेश करने या छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आरओ पूर्ण व्यवस्था और अनुशासन सुनिश्चित रखते हुए गिनती व्यवस्थित तरीके से करवाना सुनिश्चित करेंगे. मतगणना कार्मिक परिणाम घोषित होने के बाद ही आरओ की अनुमति से मतगणना हॉल छोड़ेंगे, मतगणना केंद्र के अंदर आयोग के पर्यवेक्षकों और काउंटिंग डेटा प्रसारित करने के आधिकारिक उपयोग के लिए आवश्यक उपकरणों के अतिरिक्त किसी भी मोबाइल फोन, आई-पैड, लैपटॉप अथवा किसी भी ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग उपकरण की अनुमति नहीं होगी.