जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने भूमि विवाद से जुड़े मामले में राजस्व अपील अधिकारी के आदेश के खिलाफ दायर रिवीजन याचिका में राजस्व मंडल की ओर से विपक्षी पक्षकार को नोटिस दिए बिना उसका निस्तारण करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राजस्व मंडल के रजिस्ट्रार को बीस अगस्त को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए पेश होने के आदेश दिए हैं. वहीं, अदालत ने राज्य सरकार के वकील को कहा है कि वह इस बिंदु पर जवाब पेश करने के लिए सरकार से निर्देश प्राप्त करे. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश रमेश की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में यह रखा पक्षः याचिका में कहा गया कि अलवर में स्थित भूमि से जुड़े विवाद में उपखंड अधिकारी ने दावा डिक्री किया था. इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष अपील पेश की थी. इसमें आरएए ने उपखंड अधिकारी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इस अंतरिम आदेश के खिलाफ विपक्षी पक्षकार ने राजस्व मंडल में रिवीजन याचिका पेश की. यह याचिका तय मियाद से एक साल की देरी पेश की गई.
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वहीं, राजस्व मंडल ने इस पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किए बिना ही आरएए के आदेश पर रोक लगा दी. याचिका में कहा गया कि राजस्व मंडल ने 4 अगस्त, 2022 को इस संबंध में परिपत्र जारी कर रखा है, लेकिन इस परिपत्र के प्रावधानों की पालना नहीं की गई और याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना ही उसके खिलाफ आदेश पारित कर दिए गए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राजस्व मंडल के रजिस्ट्रार को पेश होने के आदेश दिए हैं.