जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बूंदी जिले की केशोरायपाटन विधानसभा की आरक्षित सीट पर हुए चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य के निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी, बूंदी और रिटर्निंग अधिकारी सहित मौजूदा विधायक चुन्नीलाल बैरवा से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने निर्वाचन विभाग को कहा है कि वह याचिका का निस्तारण होने तक चुनाव का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखे. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश पूर्व विधायक और इस बार पराजित चन्द्रकांता मेघवाल की चुनाव याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि केशोरायपाटन विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी चुन्नीलाल ने आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा. निर्वाचन विभाग ने उन्हें निर्वाचित घोषित किया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुन्नीलाल का आरक्षित सीट से चुनाव लड़ना गलत है, क्योंकि उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. उन्होंने खुद को बैरवा जाति का बताते हुए चुनाव में नामांकन पत्र भरा है, जबकि वे बैरवा नहीं है.
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इस संबंध में चुनाव के एक अन्य प्रत्याशी ने भी उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के संबंध में मामला दर्ज कराया है. याचिकाकर्ता ने भी विधानसभा चुनाव में भाग लिया था, लेकिन वह पराजित होकर दूसरे स्थान पर रही. ऐसे में मौजूदा एमएलए के चुनाव को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने के चलते अयोग्य घोषित कर उनका चुनाव रद्द किया जाए. साथ ही याचिकाकर्ता के दूसरे स्थान पर आने को देखते हुए उसे निर्वाचित घोषित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में राज्य निर्वाचन आयोग व मौजूदा एमएलए सहित अन्य से जवाब मांगा है.