जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती कार्रवाई के बीच ही जमीन के बेचान और उसका म्युटेशन खोलने को लेकर हैरानी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने नीम का थाना कलेक्टर से उन मामलों का विवरण मांगा है, जिनमें जमीन बिकने के दिन ही उसका म्युटेशन खोला गया. जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील देवान की सिविल अपील पर दिए.
अपीलार्थी की ओर से बताया गया कि अपीलार्थी ने एक कृषि भूमि खरीदी, लेकिन उसको लेकर विक्रेता से विवाद हो गया. नीम का थाना स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय से दावे पर राहत नहीं मिलने पर अपील दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 21 फरवरी को दूसरे पक्ष के वकील को नोटिस सौंप दिया. इसके बाद दो तारीखों पर अलग-अलग कारणों से सुनवाई नहीं हो पाई और कोर्ट ने दो सप्ताह सुनवाई टाल दी. इसी बीच अपीलार्थी कोर्ट पहुंचा और बताया कि जिस जमीन को लेकर सुनवाई चल रही है, वह तो बेच दी गई है और उसकी रजिस्ट्री भी हो गई.
कोर्ट ने इस स्थिति पर हैरानी जताते हुए कहा कि मामले में निश्चित तौर पर राजस्व अधिकारी मिले हुए हैं. इसको लेकर कोर्ट ने नीम का थाना कलेक्टर, पाटन तहसील के उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार को नोटिस जारी कर उनसे पूछा है कि ऐसे फास्ट ट्रेक मोड में काम क्यों किया और कितने मामलों में जमीन बेचान के दिन ही रजिस्ट्री कर दी गई. कोर्ट ने रजिस्ट्री के पालन पर रोक लगाते हुए उप पंजीयक से इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड में नोट डालने को कहा गया है. इस जमीन के बेचान से संबंधित राशि की निकासी पर भी रोक लगाते हुए सुनवाई 15 अप्रैल तक टाल दी है.