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ऊंचाई कम बताकर कर दिया था नियुक्ति से इनकार, अब देनी होगी समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने ऊंचाई कम बताकर नियुक्ति नहीं देने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए समस्त परिलाभ देते हुए नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

HIGH COURT ORDERED,  ORDERED TO GIVE APPOINTMENT
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 5, 2024, 8:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में कम ऊंचाई बताकर अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित करने के मामले में विभाग को आदेश दिए हैं कि वह अभ्यर्थी को समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति प्रदान करे. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि भर्ती से जुडे़ पद रिक्त नहीं हैं तो छाया पद सृजित कर नियुक्ति दी जाए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश राहुल की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने भर्ती में जैसलमेर जिले के लिए आवेदन किया था. उसके एसटी कट ऑफ से अधिक अंक आए थे, लेकिन ऊंचाई कम होने का हवाला देकर उसे नियुक्ति से वंचित कर दिया गया, जबकि पूर्व की पुलिस भर्ती में याचिकाकर्ता की ऊंचाई तय मापदंड से अधिक मानी गई थी.

पढ़ेंः वेटनरी ऑफिसर भर्ती में अपात्र अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करने पर रोक - VETERINARY OFFICER RECRUITMENT

इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से एम्स अस्पताल में पुन: ऊंचाई नपवाई, जिसमें उसकी ऊंचाई मापदंडों के अनुरूप आई. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि भर्ती को लेकर जैसलमेर जिले में सभी पदों पर नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं और वर्तमान में कोई भी पद खाली नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता नियुक्ति का अधिकारी है और उसे कम ऊंचाई बताकर वंचित नहीं किया जा सकता.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में कम ऊंचाई बताकर अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित करने के मामले में विभाग को आदेश दिए हैं कि वह अभ्यर्थी को समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति प्रदान करे. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि भर्ती से जुडे़ पद रिक्त नहीं हैं तो छाया पद सृजित कर नियुक्ति दी जाए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश राहुल की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने भर्ती में जैसलमेर जिले के लिए आवेदन किया था. उसके एसटी कट ऑफ से अधिक अंक आए थे, लेकिन ऊंचाई कम होने का हवाला देकर उसे नियुक्ति से वंचित कर दिया गया, जबकि पूर्व की पुलिस भर्ती में याचिकाकर्ता की ऊंचाई तय मापदंड से अधिक मानी गई थी.

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इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से एम्स अस्पताल में पुन: ऊंचाई नपवाई, जिसमें उसकी ऊंचाई मापदंडों के अनुरूप आई. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि भर्ती को लेकर जैसलमेर जिले में सभी पदों पर नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं और वर्तमान में कोई भी पद खाली नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता नियुक्ति का अधिकारी है और उसे कम ऊंचाई बताकर वंचित नहीं किया जा सकता.

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