जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटायर अमीन के पेंशन व सेवा परिलाभ मामले में अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख राजस्व सचिव, लैंड सेटलमेंट विभाग आयुक्त व निदेशक पेंशन विभाग को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है. अदालत ने इनसे पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए. जस्टिस एनएस ढड्डा ने यह निर्देश मानसिंह बारोलिया की अवमानना याचिका पर दिया.
याचिका में बताया कि हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2023 को आदेश जारी कर प्रमुख राजस्व सचिव, आयुक्त सेटलमेंट विभाग व निदेशक पेंशन विभाग को निर्देश दिया था कि वे 30 जून 2013 से फरवरी 2015 तक के पीरियड का 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भुगतान तीन महीने में प्रार्थी को करें. इसके बावजूद आदेश की पालना नहीं हुई. जिसे अवमानना याचिका के जरिए चुनौती दी. याचिका में कहा कि प्रार्थी 30 जून 2013 को सेटलमेंट विभाग से रिटायर हुआ था, लेकिन उसे साल 2000 में आदेशों की प्रतीक्षा में रहने के दौरान की सेवा सत्यापित नही होने के चलते तत्कालीन समय के सेवा परिलाभ व पेंशन सहित अन्य लाभ नहीं दिए.
इसे हाईकोर्ट में 2014 में चुनौती देने और 2015 में नोटिस जारी होने पर प्रार्थी को पेंशन परिलाभ जारी कर दिए, लेकिन पेंशन परिलाभ देने में देरी की गई और ब्याज भी नहीं दिया, जबकि पेंशन नियमों में प्रावधान है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट वाले दिन से ही यह परिलाभ उसे दिए जाने चाहिए. वहीं, पेंशन नियमों में प्रावधान है कि कर्मचारी के सेवानिवृति के दिन से ही उक्त लाभ दे दिए जाने चाहिए और कोई विशेष कारण है तो अधिकतम दो माह में पेंशन जारी कर दी जानी चाहिए. ऐसे में उसे पेंशन परिलाभ जारी करवाए जाएं और देरी के लिए ब्याज भी दिलवाई जाए.