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भारतीय सेना के टीईएस-52 भर्ती के लिए सिर्फ पुरुषों से आवेदन मांगने को हाईकोर्ट में दी चुनौती, एकलपीठ को भेजा प्रकरण - Rajasthan High Court

भारतीय सेना के टीईएस 52 में स्थाई कमिशन के लिए केवल पुरुषों से आवेदन मांगने से जुड़ी याचिका राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ को भेज दी है.

INDIAN ARMY TES 52 RECRUITMENT,  RAJASTHAN HIGH COURT CHALLENGED
राजस्थान हाईकोर्ट . (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 10, 2024, 9:40 PM IST

जयपुर. भारतीय सेना की ओर से तकनीकी शाखा टीईएस-52 में स्थाई कमीशन के लिए सिर्फ पुरुषों के आवेदन मांगने को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए इसे एकलपीठ में सुनवाई के लिए भेज दिया है. जस्टिस शुभा मेहता और जस्टिस प्रवीर भटनागर की अवकाशकालीन विशेष खंडपीठ ने यह आदेश अक्षिता शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता ओमप्रकाश श्योराण ने बताया कि भारतीय सेना ने गत दिनों तकनीकी शाखा टीईएस-52 में स्थाई कमीशन के लिए सीनियर सैकण्डरी लेवल की भर्ती निकाली. इसमें सिर्फ अविवाहित पुरुषों से ही आवेदन मांगे गए. सफल अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण अगले जनवरी माह से शुरू हो रहा है. याचिका में कहा गया कि यह भर्ती विज्ञापन समानता के अधिकार के खिलाफ है. एयर फोर्स, नेवी और आर्मी में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जाता है, सिर्फ टीईएस-52 को ही इससे अलग रखा गया है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता.

पढ़ेंः ऊंचाई कम बताकर कर दिया था नियुक्ति से इनकार, अब देनी होगी समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति - Rajasthan High Court

इसके अलावा यह भर्ती विज्ञापन अनुच्छेद 19 के तहत आजीविका चुनने के अधिकार का भी हनन कर रहा है. वहीं, इससे गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं. याचिका में गुहार की गई है कि भारतीय सेना को निर्देश दिए जाए कि वह इस भर्ती विज्ञापन को वापस ले और चयन प्रक्रिया को रद्द करे. इसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका में जो बिंदु उठाए गए हैं, उनकी सुनवाई का अधिकार एकलपीठ को है. याचिका में किसी कानूनी अनियमितता को चुनौती नहीं दी गई है. ऐसे में मामले को एकलपीठ के समक्ष भेजा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रकरण को सुनवाई के लिए एकलपीठ के समक्ष भेज दिया है.

जयपुर. भारतीय सेना की ओर से तकनीकी शाखा टीईएस-52 में स्थाई कमीशन के लिए सिर्फ पुरुषों के आवेदन मांगने को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए इसे एकलपीठ में सुनवाई के लिए भेज दिया है. जस्टिस शुभा मेहता और जस्टिस प्रवीर भटनागर की अवकाशकालीन विशेष खंडपीठ ने यह आदेश अक्षिता शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता ओमप्रकाश श्योराण ने बताया कि भारतीय सेना ने गत दिनों तकनीकी शाखा टीईएस-52 में स्थाई कमीशन के लिए सीनियर सैकण्डरी लेवल की भर्ती निकाली. इसमें सिर्फ अविवाहित पुरुषों से ही आवेदन मांगे गए. सफल अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण अगले जनवरी माह से शुरू हो रहा है. याचिका में कहा गया कि यह भर्ती विज्ञापन समानता के अधिकार के खिलाफ है. एयर फोर्स, नेवी और आर्मी में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जाता है, सिर्फ टीईएस-52 को ही इससे अलग रखा गया है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता.

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इसके अलावा यह भर्ती विज्ञापन अनुच्छेद 19 के तहत आजीविका चुनने के अधिकार का भी हनन कर रहा है. वहीं, इससे गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं. याचिका में गुहार की गई है कि भारतीय सेना को निर्देश दिए जाए कि वह इस भर्ती विज्ञापन को वापस ले और चयन प्रक्रिया को रद्द करे. इसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका में जो बिंदु उठाए गए हैं, उनकी सुनवाई का अधिकार एकलपीठ को है. याचिका में किसी कानूनी अनियमितता को चुनौती नहीं दी गई है. ऐसे में मामले को एकलपीठ के समक्ष भेजा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रकरण को सुनवाई के लिए एकलपीठ के समक्ष भेज दिया है.

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