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हाईकोर्ट ने लगाई 55 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक को बीएलओ की ड्यूटी देने पर रोक

bans giving BLO duty राजस्थान हाईकोर्ट ने 55 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक को बीएलओ की ड्यूटी का कार्यभार देने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court,  bans giving BLO duty
हाईकोर्ट ने लगाई 55 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक को बीएलओ की ड्यूटी देने पर रोक.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 24, 2024, 7:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 55 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक को चुनाव में बीएलओ की ड्यूटी का कार्यभार देने के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग सहित अन्य से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश विजेन्द्र जैन की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता शिक्षक पद पर कार्यरत है और उसकी उम्र 55 साल से ज्यादा है. इसके साथ ही वह शारीरिक कमजोरी के साथ-साथ कई बीमारियों का सामना कर रहा है. चुनाव आयोग ने 4 सितंबर, 2020 को आदेश जारी कर निर्देश दे रहे हैं कि 55 साल की उम्र से अधिक के किसी भी सरकारी या अर्द्ध सरकारी कर्मचारीको बीएलओ का कामकाज नहीं सौंपा जाए.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार भर्ती-2023 का अंतिम परिणाम जारी करने पर लगाई रोक

इसके बावजूद भी निर्वाचन आयोग ने गत पांच जनवरी को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को बीएलओ का कामकाज सौंपने के निर्देश दे दिए. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को बीएलओ का कामकाज सौंपना, चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत है. इसलिए इस आदेश पर रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निर्वाचन आयोग के इस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 55 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक को चुनाव में बीएलओ की ड्यूटी का कार्यभार देने के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग सहित अन्य से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश विजेन्द्र जैन की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता शिक्षक पद पर कार्यरत है और उसकी उम्र 55 साल से ज्यादा है. इसके साथ ही वह शारीरिक कमजोरी के साथ-साथ कई बीमारियों का सामना कर रहा है. चुनाव आयोग ने 4 सितंबर, 2020 को आदेश जारी कर निर्देश दे रहे हैं कि 55 साल की उम्र से अधिक के किसी भी सरकारी या अर्द्ध सरकारी कर्मचारीको बीएलओ का कामकाज नहीं सौंपा जाए.

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इसके बावजूद भी निर्वाचन आयोग ने गत पांच जनवरी को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को बीएलओ का कामकाज सौंपने के निर्देश दे दिए. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को बीएलओ का कामकाज सौंपना, चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत है. इसलिए इस आदेश पर रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निर्वाचन आयोग के इस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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