जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के तत्कालीन 81 विधायकों के इस्तीफे देने से जुड़े मामले में मंत्री शांति धारीवाल व महेश जोशी सहित रफीक खान, महेन्द्र चौधरी, रामलाल जाट व संयम लोढ़ा को पक्षकार बनाने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ की जनहित याचिका में शांति धारीवाल सहित अन्य को पक्षकार बनाने के लिए पेश प्रार्थना पत्र पर दिए.
वहीं अदालत ने मामले की अंतिम बहस अगस्त माह में तय की है. इन 6 तत्कालीन विधायकों ने अपने व 75 अन्य विधायकों के इस्तीफे 25 सितंबर, 2022 को स्पीकर को सौंपे थे. अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि याचिकाकर्ता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने शांति धारीवाल सहित अन्य को इस मामले में पक्षकार बनाने के लिए यह प्रार्थना पत्र इसलिए दायर किया है, ताकि पता चल सके कि कांग्रेस के 81 एमएलए ने किसके दबाव में विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे थे. दरअसल इस मामले में पिछली सुनवाई पर मौजूदा स्पीकर का जवाब आया था.
जवाब में कहा गया था कि एमएलए ने अपना इस्तीफा वापस लेने वाले प्रार्थना पत्रों में कहा था कि उन्होंने इस्तीफे स्वैच्छिक तौर पर नहीं दिए गए थे और कई ने कहा था कि उन्होंने अपने इस्तीफे व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर नहीं दिए थे. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को कहा गया था कि इस्तीफा देने के बाद इन 81 विधायकों ने वेतन भत्तों के तौर पर करीब 18 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं. ऐसे में इस बिन्दु पर उचित आदेश दिए जाएं. इसके अलावा स्पीकर के समक्ष लंबित इस्तीफों के संबंध में निर्णय करने की अधिकतम समय सीमा तय की जाए.