जयपुर. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र सहित आठ राज्यों के राज्यपालों का कार्यकाल पूरा हो गया है. इन सभी राज्यों के राज्यपालों के बारे में निर्णय किया जाना है. क्योंकि राज्यपाल का पद खाली नहीं रह सकता. ऐसे में भले ही राज्यपाल कलराज मिश्र का कार्यकाल पूरा हो गया हो, लेकिन वह नए राज्यपाल की नियुक्ति तक अपने पद पर बने रहेंगे. वर्तमान स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व नए राज्यपालों के नाम की घोषणा नहीं की है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में केंद्रीय नेतृत्व जिन राज्यों में राज्यपाल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, वहां पर नए राज्यपाल के नाम की घोषणा करें.
हालांकि दिल्ली सूत्रों की माने तो पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को राजस्थान के नए राज्यपाल बनाया जा सकता है. पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान के राजपूतों की नाराजगी को देखते हुए जनरल वीके सिंह को भी राजस्थान में भेजा गया था, तब भी उन्होंने इसी बात की ओर इशारा किया था कि उनकी जल्दी कोई नई भूमिका होगी.
22 जुलाई को हुआ कार्यकाल पूरा : राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा का कार्यकाल 22 जुलाई को समाप्त हो गया हो. नए राज्यपाल की नियुक्ति नहीं होने तक वो अपने पद पर बने रहेंगे. राजनीति के जानकारों की मानें तो राज्यपाल का पद ऐसा है जो 1 मिनट के लिए भी खाली नहीं रखा जा सकता. इसलिए हर बार किसी भी राज्यपाल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही दूसरे का राज्यपाल के नाम का ऐलान हो जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. इसीलिए जब तक केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान के लिए दूसरे राज्यपाल का नाम घोषित नहीं कर देता तब तक कलराज मिश्र ही राज्यपाल का पद पर आसीन रहेंगे. कलराज मिश्र को 22 जुलाई 2019 को हिमाचल के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था. मिश्र ने 9 सितंबर 2019 को राजस्थान में शपथ ली. राजस्थान और हिमाचल दोनों जगह मिलकर 5 साल का कार्यकाल रविवार को पूरा हो गया.
चर्चाओं में रहे मिश्र : राज्यपाल कलराज मिश्र अपने कार्यकाल के दौरान काफी चर्चाओं में भी रहे. खासतौर से पूर्ववती कांग्रेस सरकार जब सियासी संकट से गुजर रही थी उसे दौरान विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच में तनातनी भी देखी गई. इतना ही नहीं फ्लोर टेस्ट के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों को लेकर राज भवन तक परेड भी की थी. इतना ही नहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने तो राज्यपाल तक को चेतावनी देते कहा था कि अगर जनता ने राज भवन का घेराव कर दिया तो सरकार संभाल नहीं पाएगी. इतना ही नहीं राजस्थान में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी कई बार सवाल उठाते रहे. विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के विधायक विभिन्न विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र को लेकर सवाल उठाए. इन विधायकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के लोगों को कुलपति बनाकर राजस्थान के शिक्षा जगत को बदनाम किया है. कई विधायकों ने आरोप लगाए कि भ्रष्टाचार होने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया जाता है और नहीं उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई की जाती है.