कोटा: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) सीनियर सेकेंडरी स्तर की परीक्षा मंगलवार को आयोजित की गई. एग्जाम में सुबह की पारी में 8:00 और शाम की पारी में दोपहर 1:00 बजे के बाद प्रवेश नहीं दिया गया. ऐसे में समय से नहीं पहुंचे कई कैंडिडेट परीक्षा से चूक गए. दूसरी तरफ परीक्षा में भी अच्छे खासे प्रश्न देखकर कैंडिडेट्स के पसीने छूटे.
एग्जाम देकर बाहर लौटे कैंडीडेट्स का कहना है कि दोनों पारियों में पेपर संतुलित, लेकिन प्रश्न काफी स्टैंडर्ड थे. इसमें पतंग का मतलब और 'आठ वार नौ त्योहार' जैसी लौकोक्ति के अर्थ पूछे गए, जिनमें कैंडीडेट्स उलझे रहे. इसके अलावा राजस्थान राज्य की लोककला, सभ्यता, संस्कृति, भाषाओं व राज्य के मुख्यमंत्री की योजनाओं से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए. प्रश्न पत्र में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, भारतीय संविधान, वन एवं पर्यावरण, विज्ञान, गणित, कंप्यूटर और तार्किक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे गए.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्तर की परीक्षा में कला के कैंडिडेट विज्ञान व गणित के प्रश्नों में उलझ गए तो विज्ञान के विद्यार्थी हिंदी भाषा एवं व्याकरण, भारतीय संविधान, राजस्थानी सभ्यता और संस्कृति से संबंधित प्रश्न में उलझे रहे. इसके साथ प्राचीन भारतीय सभ्यता जिसमें मुर्दों को आभूषणों के साथ दफन किया जाता था, पर भी एक प्रश्न पूछा गया. भारतीय संविधान के 42वें संशोधन, भारतीय संविधान की प्रस्तावना व भारतीय संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर भी प्रश्न पूछे गए.
थेवा कला, फड़ कलाकार और जैसलमेर के पुराने नाम पर भी प्रश्न : देव शर्मा ने बताया कि प्रथम पारी के प्रश्न पत्र में थेवा-कला, फड़ कलाकार श्रीलाल जोशी व जैसलमेर के प्राचीन नाम पर सामान्य प्रश्न पूछे गए. मुख्यमंत्री कोरोना सहायता, मुख्यमंत्री लघु वाणिज्यिक वाहन स्वरोजगार योजना से संबंधित प्रश्नों ने कैंडिडेट के ज्ञान की अच्छी परीक्षा ली. विज्ञान विषय में फिजिक्स से किरण प्रकाशिकी व बायोलॉजी से पैलोग्रा व राइबोफ्लेविनोसिस बीमारियों के बारे में पूछे गए, जिनमें अधिकांश कैंडिडेट बगले झांकते नजर आए.