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राजस्थान के खान विभाग की एक और उपलब्धि, बेशकीमती खनिज एक्सप्लोरेशन में अग्रणी बना

राजस्थान के खनन विभाग की एक और उपलब्धि शनिवार को दर्ज की गई. माइनिंग डिपार्टमेंट अब एक्सप्लोरेशन लाइसेंस की एनआईटी जारी करने में आगे पहुंच चुका है. विभाग ने महज पांच दिन में ई ऑक्शन की औपचारिकताएं पूरी की. इसके चलते देश में इस मामले में सबसे आगे राजस्थान है.

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राजस्थान के खान विभाग की एक और उपलब्धि
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 4:11 PM IST

जयपुर. बेशकीमती खनिज एक्सप्लोरेशन की दिशा में प्रदेश के बढ़ते कदम नए कीर्तिमान रच रहे हैं. रेयर अर्थ, रेयर मेटल और पोटाश एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी करने वाला राजस्थान देश का पहला प्रदेश बन चुका है. खान विभाग ने रेयर अर्थ, रेयर मेटल और पोटाश मिनरलाइजेशन के तीन ब्लॉक की एनआईटी जारी की है. बाड़मेर और जोधपुर जिले के REE ब्लॉक छाबा-नावाताला-पटौदी, जयपुर, सीकर और नागौर जिले का रेनवाल-रैथल- कालाडेरा ब्लॉक, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू और बीकानेर जिले का सारासर-पल्लू- धांधूसर-हरदासवाली ब्लॉक इसमें शामिल है.

रेयर अर्थ का खनन कार्य शुरू होने के बाद प्राप्त खनिज का औद्योगिक इकाइयों में उपयोग होगा, जिससे कंप्यूटर मैमोरी, डीवीडी, रिचार्जेबल बैटरी, मोबाइल फोन, कैटेलिटिक कन्वर्टर्स, मैग्नेट, फ्लोरोसेंट लाइट में हो सकेगा. खान सचिव आनन्दी ने बताया कि खनिज रेयर अर्थ एलीमेंन्ट के बाड़मेर और जोधपुर जिले के चाबा-नवातल्ला-पटौदी में 574 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में संकेत है, वहीं जयपुर, नागौर और सीकर के रेनवाल-रायथल-कालाडेरा के 789.40 वर्ग किमी क्षेत्र में संकेत उपलब्ध है. हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, चूरू और बीकानेर में सरासर-पल्लू-धान्धूसर-हरदासवाली पोटाश के संकेत है. गौरतलब है कि पोटाश प्रमुख रूप से उर्वरक के काम आता है, जो फसल की वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जल संरक्षण में सहायक होता है. पोटाश के मामले में हम पूरी तरह आयात पर निर्भर हैं.

पढ़ें: गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रमोद भाया के खिलाफ एक और मामला दर्ज, धोखाधड़ी का लगा है आरोप

दूसरे स्थान पर पहुंचेगा भारत: अभी रेयर अर्थ और रेयर मेटल का सबसे बड़ा उत्पादक चीन है, जबकि इस दिशा में भारत का चौथा स्थान है. राजस्थान में उत्पादन शुरू होने के बाद भारत का विश्व में दूसरा मुकाम हो जाएगा. खान विभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक तीनों ब्लॉक के टेंडर डॉक्यूमेंट 21 मार्च तक खरीदे जा सकेंगे, जबकि 12 अप्रैल तक बिड जमा कराई जा सकेगी. इसी प्रकार 29, 30 अप्रैल और 1 मई को नीलामी होगी.

यह भी पढ़ें: भाजपा ने की संभाग और सह प्रभारियों का ऐलान,नारायण पंचारिया को जयपुर संभाग का जिम्मा

ई-नीलामी एक्सप्लोरेशन के बाद तीनों ब्लॉक में खनिज भंडार का सही आकलन हो सकेगा. राजस्थान के साथ ही कर्नाटक ने भी एक ब्लॉक की ईएल ऑक्शन प्रक्रिया आरंभ की है. इससे पहले राजस्थान ने सोने की खान के एमएल और सीएल के लिए नीलामी आरंभ की थी. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने एमएमडीआर एक्ट में 17 अगस्त 23 को संशोधन कर महत्वपूर्ण और अधिक गहराई वाले 29 खनिजों के लिए नई ईएल नीति बनाई है.

जयपुर. बेशकीमती खनिज एक्सप्लोरेशन की दिशा में प्रदेश के बढ़ते कदम नए कीर्तिमान रच रहे हैं. रेयर अर्थ, रेयर मेटल और पोटाश एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी करने वाला राजस्थान देश का पहला प्रदेश बन चुका है. खान विभाग ने रेयर अर्थ, रेयर मेटल और पोटाश मिनरलाइजेशन के तीन ब्लॉक की एनआईटी जारी की है. बाड़मेर और जोधपुर जिले के REE ब्लॉक छाबा-नावाताला-पटौदी, जयपुर, सीकर और नागौर जिले का रेनवाल-रैथल- कालाडेरा ब्लॉक, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू और बीकानेर जिले का सारासर-पल्लू- धांधूसर-हरदासवाली ब्लॉक इसमें शामिल है.

रेयर अर्थ का खनन कार्य शुरू होने के बाद प्राप्त खनिज का औद्योगिक इकाइयों में उपयोग होगा, जिससे कंप्यूटर मैमोरी, डीवीडी, रिचार्जेबल बैटरी, मोबाइल फोन, कैटेलिटिक कन्वर्टर्स, मैग्नेट, फ्लोरोसेंट लाइट में हो सकेगा. खान सचिव आनन्दी ने बताया कि खनिज रेयर अर्थ एलीमेंन्ट के बाड़मेर और जोधपुर जिले के चाबा-नवातल्ला-पटौदी में 574 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में संकेत है, वहीं जयपुर, नागौर और सीकर के रेनवाल-रायथल-कालाडेरा के 789.40 वर्ग किमी क्षेत्र में संकेत उपलब्ध है. हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, चूरू और बीकानेर में सरासर-पल्लू-धान्धूसर-हरदासवाली पोटाश के संकेत है. गौरतलब है कि पोटाश प्रमुख रूप से उर्वरक के काम आता है, जो फसल की वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जल संरक्षण में सहायक होता है. पोटाश के मामले में हम पूरी तरह आयात पर निर्भर हैं.

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दूसरे स्थान पर पहुंचेगा भारत: अभी रेयर अर्थ और रेयर मेटल का सबसे बड़ा उत्पादक चीन है, जबकि इस दिशा में भारत का चौथा स्थान है. राजस्थान में उत्पादन शुरू होने के बाद भारत का विश्व में दूसरा मुकाम हो जाएगा. खान विभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक तीनों ब्लॉक के टेंडर डॉक्यूमेंट 21 मार्च तक खरीदे जा सकेंगे, जबकि 12 अप्रैल तक बिड जमा कराई जा सकेगी. इसी प्रकार 29, 30 अप्रैल और 1 मई को नीलामी होगी.

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ई-नीलामी एक्सप्लोरेशन के बाद तीनों ब्लॉक में खनिज भंडार का सही आकलन हो सकेगा. राजस्थान के साथ ही कर्नाटक ने भी एक ब्लॉक की ईएल ऑक्शन प्रक्रिया आरंभ की है. इससे पहले राजस्थान ने सोने की खान के एमएल और सीएल के लिए नीलामी आरंभ की थी. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने एमएमडीआर एक्ट में 17 अगस्त 23 को संशोधन कर महत्वपूर्ण और अधिक गहराई वाले 29 खनिजों के लिए नई ईएल नीति बनाई है.

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