नई दिल्ली: कर्मचारियों के वेतन और सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत बकाया पेंशन भुगतान के मामले शुक्रवार कोदिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर एमसीडी की जेब में कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं हैं, तो राजधानी में सड़कों, अस्पतालों और विकास गतिविधियों की देखभाल कैसे करेगी? अगर आप पैसे नहीं दे सकते हैं तो हम MCD को बंद कर देंगे. कोर्ट के इस आदेश पर दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने इसे आम आदमी पार्टी की नाकामयाबी का सबूत कहा.
राजा इकबाल सिंह ने कहा, "निगम चुनाव के समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छाती ठोककर निगम कर्मचारियों के वेतन का समय से भुगतान करने की गारंटी देते थे. आज हालात यह हैं कि वेतन के लिए कर्मचारियों को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है. इससे पता चलता है कि आप के शासन काल में निगम की व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. एवं आम आदमी पार्टी की सरकार निगम को चला पाने में विफल साबित हुई है."
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राजा इकबाल सिंह ने कहा कि,"एक बार वेतन का भुगतान कर अरविंद केजरीवाल ने 6,000 कर्मचारियों को त्यागराज स्टेडियम में इकठ्ठा कर अपनी पीठ थपथपा ली लेकिन उस दिन से लेकर आज तक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय से नहीं हुआ है. दिल्ली में एवं निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है तो निगम कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय से क्यों नहीं हो रहा है? वहीं दिल्ली की सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है."