धमतरी: रायपुर से धमतरी बाईपास एक साल पहले ही बन कर तैयार है. यह बाइपास 1 लाख 32 हजार वोल्ट के हाई टेंशन लाइन के नीचे से गुजरती है, जिसकी ऊंचाई कम होने की वजह से बाइपास को खोला नहीं जा सका है. क्योंकि बड़े वाहनों के लिए यह खतरनाक हो सकता है. हांलाकि, अब इस समस्या को दूर करने के लिए हाईटेंशन लाइन के हाइट राइजिंग काम शुरु कर दिया गया है.
हाइट राइजिंग के काम में लापरवाही: हाइट रीजनिंग में जुटे कर्मचारियों ने हेलमेट नहीं पहना हुआ है. यह सुरक्षा में गंभीर लापरवाही है. ऐसे जोखिम के काम में सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. थोड़ी सी भी चूक जानलेवा साबित हो सकती है. सभी मजदूर बिजली विभाग के ट्रांसमिशन सेक्शन के ठेकेदार के अंतर्गत काम कर रहे हैं. वहीं इसे चूक को लेकर मौके पर मौजूद बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है. मजदूरों ने गर्मी की वजह से हेलमेट उतारे रखा है.
ट्रांसमिशन लाइन में हाइट राइजिंग का काम किया जा रहा है. आठ टावर का काम चल रहा है. 6 टॉवर लग चुका है. 7 दिन का शेड्यूल है. शट डाउन करके काम किया जा रहा है. सेफ्टी पूरी तरह बरती जा रही है. गर्मी की वजह से मजदूरों ने हेलमेट उतारा है. - टी एन बीजू, ईई मेंटेनेंस
काम पूरा होते ही शुरू होगा बाइपास: धमतरी बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सप्ताह भर में इस हाईटेंशन लाइन की हाइट राइजिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा. हाईटेंशन लाइन की हाइट बढ़ जाने से वाहनों को कोई खतरा नहीं रहेगा. जिसके बाद रायपुर से धमतरी बाईपास को शुरू किया जाएगा.
टॉवर के हाइट राइजिंग का काम जारी: रायपुर से धमतरी तक बाईपास लगभग बनकर तैयार है. लेकिन धमतरी से पुरूर तक बाईपास के बीच में रोड के उपर से 1 लाख 32 हज़ार वोल्ट के हाईटेंशन लाइन की तार क्रॉस करती है, जो सड़क खोलने में बाधा बनकर खड़ी है. इसे अब हटाने का काम शुरू किया गया है. नया टावर करीब 55 से 60 फीट उंचाई वाला है. इसे बनाने वाले मजदूर 55 फीट की ऊंचाई पर टावर का एंगल जोड़ रहे हैं.