नूंह: हरियाणा में अचानक से हुए मौसम में बदलाव की वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई है. शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है. रेवाड़ी और नूंह जिलों में तो गेहूं की फसल 50 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है. जिसके बाद किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. चंडीगढ़ मौसम विभाग ने हरियाणा में 31 मार्च तक बारिश की संभावना जताई है. इसके बाद मौसम साफ रहने की उम्मीद है.
नूंह में बारिश से गेहूं की फसल खराब: हरियाणा में हुई बारिश से ना सिर्फ खेत में खड़ी गेहूं की फसल बल्कि अनाज मंडियों में पड़ी सरसों की फसल भी खराब हो गई. अनाज मंडी प्रशासन की तरफ से सरसों की फसल को बारिश से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. जिसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ा. नूंह में बारिश से हुए नुकसान के बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की. किसानों ने कहा कि सरकार को स्पेशल गिरदावरी करवानी चाहिए.
आंधी की वजह से टूटी बिजली के पोल: कैबिनेट मंत्री संजय सिंह क्षेत्र में फसल का निरीक्षण कर चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे. नूंह में बारिश के साथ आंधी भी चली. जिसके चलते 15 से ज्यादा बिजली के पोल टूट गए. जिसकी वजह से जिले के कई इलाकों में बिजली गुल रही. बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि निगम को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. बिजली आपूर्ति को जल्द सुचारू कर दिया जाएगा.
किसानों ने की मुआवजे की मांग: किसानों ने बताया कि बारिश से गेहूं की फसल के साथ सब्जी की खेती में भी भारी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के कारण ज्यादातर फसल टूट कर बिछ गई. उन्होंने सरकार और प्रशासन से बारिश से खराब फसल की विशेष गिरदावरी कर नुकसान की भरपाई की मांग की. किसानों का कहना है कि क्षेत्र में लोगों का कृषि ही एकमात्र व्यवसाय है, लेकिन मौसम की मार ने उनको भारी नुकसान पहुंचा दिया है.