नई दिल्ली: अभी तक भारतीय रेलवे 93.83 प्रतिशत रेल लाइनों का ही इलेक्ट्रिफिकेशन कर सका है. 19 राज्यों में अभी भी रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अधूरा है. आज से 99 साल पहले यानी 3 फरवरी सन 1925 को भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई गई थी. यह ट्रेन विक्टोरिया टर्मिनस (छत्रपति शिवाजी महाराज स्टेशन मुंबई) और कुर्ला हार्बर रेलवे स्टेशन के बीच चली थी.99 साल में भारतीय रेलवे 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ही रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम 100 प्रतिशत कर सकी है.
बता दें कि चीन, अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है. रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन से ट्रेनें बिजली से चलेंगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. ट्रेनों की रफ्तार बढ़ी है. साथ ही ट्रेन संचालन की लागत भी कम हुई है. दिसंबर- 2023 तक कुल 61,508 रूट किलोमीटर के ब्रांड गेज (बीजी) नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है. जो भारतीय रेल के कुल रूट 65,556 आरकेएम का 93.83 प्रतिशत है. अभी 4048 रूट किलोमीटर का इलेट्रिफिकेशन करना बाकी है. जो इसी साल पूरा हो जाएगा. भारतीय रेलवे तेजी से रेलवे लाइनों के 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 2023 में रेलवे ने 6,577 रूट किलोमीटर (आरकेएम) विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया है. वर्ष 2014 तक 21,801 किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया था.
रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन के फायदे: बिजली से ट्रेन परिचालन की लागत में कमी आई है, इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की अधिक ढुलाई क्षमता के कारण भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों का परिचालन आसानी से हो रहा है. निर्धारित समय में ढुलाई में बढ़ोतरी हुई है. बिजली के कारण ट्रेन परिवहन का पर्यावरण के अनुकूल साधन हुआ है. आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता में कमी आई है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है.
देश के 19 राज्यों में अभी भी काम अधूरा है: 99 साल में जिन 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम किया गया है. उनमें दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंडुचेरी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, चंडीगढ़ शामिल हैं. अभी 19 राज्यों में रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अभी बाकी है. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाड़ु, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, दमन और दीव में रेल लाइनों के विद्युतीकरण का काम किया जाना बाकी है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और लक्ष्यद्वीप में अभी रेल नेटवर्क नहीं है. वर्ष 2024 तक पूरे देश में रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
रेलवे की महत्वपूर्ण जानकारी
- भारतीय रेलवे विश्व में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, देश में रेलवे सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता भी है.
- 13000 ट्रेनों में रोजाना करीब 24 मिलियन लोग यात्रा करते हैं. प्रतिदिन 3.3 मिलियन टन माल की ढुलाई होती है.
- वर्ष 2024 के अंत तक रेलवे ट्रैक पूरी तरह विद्युतीकृत हो जाएंगे. इसके लिए रेलवे तेजी से काम कर रहा है
- चीन, अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है. देश में 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य.
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