नई दिल्लीः रेलवे में अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से लगातार हादसे हो रहे हैं. शकूरबस्ती रेल कोच डिपो में वंदे भारत की छत पर चढ़े एक टेक्नीशियन को चार जुलाई को करंट लग गया था. इससे कर्मचारी करीब 65 प्रतिशत तक झुलस गया था. जमीन पर गिरने से उसका सिर भी फट गया था. गंभीर हालात में कर्मचारी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, बुधवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
शकूरबस्ती में रेल कोच डिपो है. यहां पर बीती 4 जुलाई को मृतक (टी नंबर-424) वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस कर रहा था. इसी दौरान वो ट्रेन के पेंटोग्राफ (उपकरण जिसके जरिए बिजली के तार से ट्रेन में बिजली आती है) की जांच करने के लिए ट्रेन की छत पर चढ़ा था. इसी बीच उसको करंट लग गया. करंट लगने से वह जमीन पर गिर गया और उसका सिर फट गया. हादसे में वह करीब 65 प्रतिशत झुलस गया. यश को सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. यश के पिता रेलवे में कर्मचारी थे. मृतक यश अनुकंपा के आधार पर रेलवे में नौकरी कर रहे थे.
''हादसे के बाद से यश का इलाज चल रहा था. उनकी मृत्यु बेहद दुखद घटना है. रेलवे की तरफ से नियमों के तहत जो भी मदद हो सकती है मदद की जाएगी''
प्रेम शंकर झा, वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक, दिल्ली डिवीजन, रेलवे
बिना ट्रेनिंग के यश को दिया गया खतरनाक कामः घटना के बाद डिपो के कर्मचारियों ने हादसे का विरोध करते हुए काम बंद कर दिया था. कर्मचारियों ने हादसे के पीछे रेलवे की लापरवाही को बताया है. आरोप है कि यश को अनुकंपा पर नौकरी मिली थी. फिर भी उसको पेंटोग्राम चेक करने का काम दिया गया. तकनीकी रूप से परिपक्व नहीं था, जिसकी वजह से हादसा हुआ. बिना ट्रेनिंग दिए काम सौंपा गया था.
सीनियर सेक्शन अधिकारी निलंबितः हादसे के बाद मौके पर पहुंचे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से कर्मचारियों ने लिखित शिकायत दी. इसमें कर्मचारियों ने सभी अप्रैंटिस को सुरक्षा किट देने, कर्मचारियों को मेडिकल की सुविधा देने, एक काम खत्म होने के तुरंत बाद दूसरा काम न देने की मांग की थी. कर्मचारियों के मुताबिक, छोटी-छोटी बातों पर नोटिस दे दिया जाता है. इससे कर्चारियों का मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता. अधिकारियों ने मदद का आश्वासन दिया. वहीं, इस मामले में सीनियर सेक्शन अफिसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
ये भी पढ़ें: