रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है. इस मामले में पांच छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया है. पांचों छात्रों के परिजनों को कॉलेज में बुलाकर स्टाम्प में उनके बच्चों के द्वारा भविष्य में रैगिंग में संलिप्त न होने से संबंधित शपथ पत्र देने कहा गया है. इसके पहले हुई कार्रवाई में सेकंड ईयर के दो छात्रों को 10 दिनों के लिए कॉलेज से निलंबित किया गया था. रैगिंग का यह मामला दिवाली से पहले का है.
रायपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग: सीनियर छात्रों के द्वारा रैगिंग की गतिविधियां व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संचालित की जा रही थी. जूनियर और सीनियर छात्रों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था. जिसमें रैगिंग के लिए सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को निर्देश देते थे. इसी में ग्रुप मे छात्रों के लिए ड्रेस कोड और सर मुंड़वाने संबंधी मैसेज भेजा गया. यह मैसेज जूनियर छात्रों ने अपने परिजनों को भेज दिया. परिजन ने स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायत की. शिकायत पर जब कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तब फर्स्ट ईयर के छात्रों और उनके परिजनों ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय और नेशनल मेडिकल कमिशन नई दिल्ली को दी. इसके बाद यह मामला कॉलेज के एंटी रैगिंग कमेटी तक पहुंचा.
रायपुर मेडिकल कॉलेज के पांच छात्र सस्पेंड: मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद पहले दीप राज वर्मा और अंशु जोशी को 4 नवंबर के दिन सभी क्लास और क्लिनिकल पोस्टिंग से 10 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 8 नवंबर को एंटी रैगिंग सेल को ईमेल से मिली शिकायत के आधार पर 11 नवंबर को फिर से कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई. इस बैठक की अध्यक्षता डीन ने की. बैठक में समिति के द्वारा जांच के बाद द्वितीय वर्ष एमबीबीएस 2023 बैच के छात्र अंशु जोशी, अक्षत जायसवाल, विकास टंडन, गौरव चंद्र महाली और आयुष गुप्ता के रैगिंग गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि हुई. इसके आधार पर इन सभी पांचो छात्रों को तत्काल प्रभाव से एक माह के लिए सभी कक्षाओं और क्लिनिकल पोस्टिंग से निलंबित कर दिया गया.
अभिभावकों को पेश करना होगा शपथ पत्र: निलंबित छात्रों के अभिभावकों को 13 नवंबर को एंटी रैगिंग समिति के सामने उपस्थित होने और ₹10 के नॉन ज्यूडिशियल स्टाप में भविष्य में उनके बच्चे के द्वारा रैगिंग संबंधी किसी भी प्रकार की गतिविधियों में शामिल नहीं होने का शपथ पत्र भी मांगा गया है. रैगिंग संबंधी किसी भी गतिविधियों में शामिल होने पाए जाने पर उनके खिलाफ कॉलेज प्रबंधन द्वारा की गई कार्रवाई के विरुद्ध उन्हें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होने की बात का उल्लेख भी शपथ पत्र में देना होगा.
जानकारी के मुताबिक दो छात्रों को जब 10 दिनों के लिए निलंबित किया गया, उस दौरान सीनियर छात्रों के हौसले बुलंद थे और वे जूनियर छात्रों को धमकाते हुए ग्रुप में 10 नवंबर के बाद असली रैगिंग होने की बात कह रहे थे. धमकी भरे मैसेज लिखते हुए कह रहे थे "60 साल से चली आ रही यह प्रथा तुम लोगों के शिकायत से बंद नहीं होने वाली है." शिकायत करने वालों का नाम पता चलने पर एमबीबीएस कैसे पास होगा, यह देखने की धमकी भी दी गई थी.