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रबी की बुआई का सीजन शुरू, सूखी नहरें बनी मुसीबत, मुश्किल में किसान - RAEBARELI DRY CANALS

गेहूं की बुआई को लेकर समस्या का सामना कर रहे किसानों ने उठाई पानी छोड़े जाने की मांग.

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रायबरेली नहर में पानी न आने से किसान परेशान (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

रायबरेली : रबी की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन लालगंज और सरेनी क्षेत्र में नहर में पानी न आने से किसान परेशान हैं. इससे गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रहे हैं.

मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. किसान गेहूं, सरसों की बुआई के लिए खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं लेकिन अभी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका है. इसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.लालगंज और सरेनी में लगभग 70 फीसदी भू-भाग की सिंचाई नहर व रजबहों के माध्यम से होती है. नहर में पानी नहीं होने से रजबहों में पानी न आने से खेती, किसानी पिछड़ रही है. नहरों में पिछले लगभग 6 महीने से पानी नहीं आया है. इसकी वजह से इससे निकले रजबहे सूखे पड़े हैं.

क्षेत्र के गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है. रजबहे की हर साल सिल्ट सफाई तो होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है. बीच में कई जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है.

इस बारे में किसान विनोद कुमार ने बताया कि 15 अक्टूबर से गेहूं की फसल की बुआई का समय शुरू हो गया है. लोग मजबूर हैं और नलकूपों के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं. नंबर आने पर ही खेतों में पानी लगाया जा रहा है.

इस बात की शिकायत पिछले कई वर्षों से जिले स्तर के अधिकारियों को दी जा रही लेकिन समस्याओं का निराकरण होता नजर नहीं आ रहा है.

यह भी पढ़ें : गो सेवा आयोग के अध्यक्ष बोले- हर किसान एक गाय को गोद ले, तो यूपी में हो जाएगा गोवंशों की समस्या का समाधान

रायबरेली : रबी की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन लालगंज और सरेनी क्षेत्र में नहर में पानी न आने से किसान परेशान हैं. इससे गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रहे हैं.

मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. किसान गेहूं, सरसों की बुआई के लिए खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं लेकिन अभी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका है. इसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.लालगंज और सरेनी में लगभग 70 फीसदी भू-भाग की सिंचाई नहर व रजबहों के माध्यम से होती है. नहर में पानी नहीं होने से रजबहों में पानी न आने से खेती, किसानी पिछड़ रही है. नहरों में पिछले लगभग 6 महीने से पानी नहीं आया है. इसकी वजह से इससे निकले रजबहे सूखे पड़े हैं.

क्षेत्र के गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है. रजबहे की हर साल सिल्ट सफाई तो होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है. बीच में कई जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है.

इस बारे में किसान विनोद कुमार ने बताया कि 15 अक्टूबर से गेहूं की फसल की बुआई का समय शुरू हो गया है. लोग मजबूर हैं और नलकूपों के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं. नंबर आने पर ही खेतों में पानी लगाया जा रहा है.

इस बात की शिकायत पिछले कई वर्षों से जिले स्तर के अधिकारियों को दी जा रही लेकिन समस्याओं का निराकरण होता नजर नहीं आ रहा है.

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