रायबरेली : रबी की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन लालगंज और सरेनी क्षेत्र में नहर में पानी न आने से किसान परेशान हैं. इससे गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रहे हैं.
मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. किसान गेहूं, सरसों की बुआई के लिए खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं लेकिन अभी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका है. इसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.लालगंज और सरेनी में लगभग 70 फीसदी भू-भाग की सिंचाई नहर व रजबहों के माध्यम से होती है. नहर में पानी नहीं होने से रजबहों में पानी न आने से खेती, किसानी पिछड़ रही है. नहरों में पिछले लगभग 6 महीने से पानी नहीं आया है. इसकी वजह से इससे निकले रजबहे सूखे पड़े हैं.
क्षेत्र के गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है. रजबहे की हर साल सिल्ट सफाई तो होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है. बीच में कई जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है.
इस बारे में किसान विनोद कुमार ने बताया कि 15 अक्टूबर से गेहूं की फसल की बुआई का समय शुरू हो गया है. लोग मजबूर हैं और नलकूपों के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं. नंबर आने पर ही खेतों में पानी लगाया जा रहा है.
इस बात की शिकायत पिछले कई वर्षों से जिले स्तर के अधिकारियों को दी जा रही लेकिन समस्याओं का निराकरण होता नजर नहीं आ रहा है.
वहीं इस मामले को लेकर उन्नाव डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शैलेश सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद शारदा नहर में पानी पीछे से छोड़ा गया है. जो की उम्मीद है कि 20 दिसंबर तक लालगंज व सरेनी की नहरों तक पहुंच जाएगा. उसके बाद किसानों के लिए गेहूं के लिये पानी की कोई दिक्कत नहीं रहेगी.
वही इस मामले में प्रद्युमन सिंह प्रशासनिक अधिकारी रायबरेली डिवीजन का कहना है लालगंज व सरेनी क्षेत्र की नहरें उन्नाव डिवीजन से जुड़ी हुई हैं. रायबरेली क्षेत्र की नहरों में पानी की फिलहाल कोई समस्या नहीं है.
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