रायबरेली : डलमऊ कस्बे के श्मशान घाट के पास स्थित कान्हा गौशाला में क्षमता से अधिक बन्द बेजुबान गोवंश का मामला सामने आने के बाद किसान नेता द्वारा मंगलवार देर रात गौशाला के बाहर धरना दिया. इसके बाद किसान नेता रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि चारा पानी और रहने की समुचित व्यवस्था तथा घायल बेजुबानों का उपचार न होने के चलते प्रतिदिन मौत के घाट उतर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली की गौशाला के अंदर 9 गोवंश मृत हो गए हैं. जिसके बाद पता चला कि उनमें से 5 गोवंश की मौत अधिकारियों द्वारा दिखाई गई है. इसके बाद हम यहाँ आज धरने पर हैं. जब तक व्यवस्था सुधारी नहीं जाएगी हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
जिला अधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर एसडीएम व पशु चिकित्सक के साथ टीम पहुंच गई और घायल गोवंश के उपचार में जुट गए. वहीं कुछ समय बाद मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय नोडल अधिकारी, उपजिला अधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा कान्हा गौशाला का निरीक्षण करते हुए मौजूद पशु चिकित्सा से घायल के उपचार की पंजिका मांगी गई.
उप जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए उप जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सक से नियमित उपचार के बाद अभिलेख पंजिका में दर्ज करने के निर्देश दिए गए और पर्याप्त रूप से चारा पानी की व्यवस्था दिलाने के भी निर्देश दिए. वहीं जिला अधिकारी ने कहा कि इस मामले में सीडीओ से रिपोर्ट मांगी गई है रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्रवाही की जाएगी.
इस मामले में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कान्हा गौशाला डलमऊ में किसान संगठन के लोगों ने जबरजस्ती गौवंश भर दिए जिनकी क्षमता गौशाला में रखे जाने की नहीं थी. यही वजह रही कि कुछ गौवंशो की आपस में लड़ने के कारण 6 माह से 2 साल तक के गौवंश घायल हो गए. जिनमे से कुछ की मौत हुई, उनका पोस्टमार्टम करवा दिया गया है. किसान नेता द्वारा गौशाला पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. यहाँ पर गौवंशों के रहने व व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं है.
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