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बनारस जेल में चार दीवारी के अंदर बंदी बनेंगे रेडियो जॉकी, फरमाइशी गीतों संग सुनाएंगे अपने जीवन की भी गाथा - Radio jockey in banaras jail - RADIO JOCKEY IN BANARAS JAIL

वाराणसी की सेंट्रल जेल में कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत (RADIO JOCKEY IN BANARAS JAIL) की गई है. कम्युनिटी रेडियो के जरिए कैदियों के भजन व मनपसंद गाने सुनने का मौका मिलेगा. इसके माध्यम से कैदी अपनी छुपी हुई प्रतिभा को भी बाहर निकाल पाएंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 29, 2024, 7:19 PM IST

बनारस जेल में चार दीवारी के अंदर बंदी बनेंगे रेडियो जॉकी

वाराणसी : जेल की चार दिवारी के अंदर सजा काट रहे बंदियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर बहुत से प्रयास होते हैं. शिक्षा से लेकर बेहतर कार्य योजना के साथ जीवन यापन को आगे बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन भी समय-समय पर कई योजनाओं को आगे बढ़ाता है.

कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत : मनोरंजन के लिए भी कई तरह के उपाय किए जाते हैं, ताकि जेल में बंदियों को तमाम बुरी सोच और गलत बातों से दूर किया जा सके और ऐसा ही एक प्रयास वाराणसी की सेंट्रल जेल में पहली बार होने जा रहा है. पूर्वांचल की जेल में बड़ी जेल के तौर पर पहचान रखने वाली वाराणसी की सेंट्रल जेल में वर्तमान समय में दो हजार से ज्यादा बंदी सजा काट रहे हैं. इनके जीवन को सुधारने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से कई योजनाएं संचालित होती हैं, लेकिन पहली बार जेल के अंदर एक कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत की गई है.

फरमाइशी गीतों संग सुनाएंगे अपने जीवन की भी गाथा
फरमाइशी गीतों संग सुनाएंगे अपने जीवन की भी गाथा

कैदियों को मिलेगा मौका : यह कम्युनिटी रेडियो पूर्वांचल की जेल में पहली बार किसी जेल में ऑपरेट किया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर के बाद वाराणसी में ऑपरेट होने वाले इस कम्युनिटी रेडियो से एक तरफ जहां कैदियों को भजन उनके मनपसंद गाने सुनने का मौका मिलेगा, तो वहीं बहुत से कैदी अपने जीवन के किस्से कहानियों के साथ ही अपनी अन्य छुपी हुई प्रतिभा को भी बाहर निकाल पाएंगे.

रेडियो परवाज नाम से होगी शुरूआत : कैदियों को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने और उनकी दुनिया को विशेष दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से वाराणसी के सेंट्रल जेल में एक अभिनव पहल करते हुए जेल परिसर जेल रेडियो की शुरुआत की गई है. 'रेडियो परवाज' नाम से शुरू गई इस सेवा में जेल के बंदियों को अध्यात्म, साहित्य, गानों से रूबरू कराने के उद्देश्य से इस नई पहल की शुरुआत हुई है. रोज प्रातः काल भजन से इसकी शुरुआत की जाएगी जो की क्रमशः दिन भर भक्ति में संगीत के साथ-साथ योग और फरमाइशी गीत के साथ समाप्त होगी.

बंदियों का अवसाद दूर करने के लिए पहल : इस संबंध में कारागार अधीक्षक रामकृष्ण मिश्रा ने बताया कि जेल के बंदी दुनिया से कटे होते हैं, इसलिए उनको अपने अंदर आत्मग्लानि महसूस होती है और कई बंदी तो अक्सर अवसाद में चले जाते हैं. ऐसे में उनके इस अवसाद को दूर करने के लिए एक छोटी सी पहल की गई है. जिससे कि यह संगीत के माध्यम से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करें और संगीत से ही शाम की दिनचर्या को समाप्त करें. इससे उनके अंदर के अवसाद को खत्म करने की मदद मिलेगी. वहीं, योग और अन्य ज्ञानवर्धक चीजों की जानकारी प्रदान करके उनके मनोबल को भी बढ़ाया जा सकेगा.

उत्तर प्रदेश की 6 जेलों में प्रयोग : जेल में इस रेडियो सेवा की शुरुआत करने वाली एक फाउंडेशन की निदेशक मोनिका ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में 6 जेलों में इस तरह के प्रयोग किए हैं, जो की काफी सफल रहे हैं और बंदियों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में प्रथम बार वाराणसी सेंट्रल जेल में सेवा की शुरुआत की गई है. जिसमें शुरुआत में रिकॉर्डेड संगीत के माध्यम से कैदियों का मनोरंजन किया जाएगा.

प्रतिभा को दर्शाने का मिलेगा मौका : उन्होंने बताया कि बाद में इसको बढ़ाते हुए जो कैदी गायन में दक्ष होंगे उनको भी इसमें अपनी गायन प्रतिभा को दर्शाने का मौका दिया जाएगा. यह संचालन की संपूर्ण व्यवस्था जेल प्रशासन की होगी. तकनीकी सहायता उनके द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. इस सेवा के शुरू होने से निश्चित रूप से विशेष दुनिया से जुड़े होने का आभास कैदी कर सकेंगे. उद्घाटन के अवसर पर काफी संख्या में कैदियों ने उपस्थित रहकर इस सेवा की जानकारी प्रदान प्राप्त की.

यह भी पढ़ें : कैदी अब बनेंगे रेडियो जॉकी, 15 अगस्त से कानपुर जेल में सुबह से शाम तक गूंजेंगा मधुर संगीत

यह भी पढ़ें : रांची विश्वविद्यालय में रेडियो जॉकी समेत 4 नए कोर्स की होगी शुरुआत, 90.4 FM के तहत होगा संचालन

बनारस जेल में चार दीवारी के अंदर बंदी बनेंगे रेडियो जॉकी

वाराणसी : जेल की चार दिवारी के अंदर सजा काट रहे बंदियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर बहुत से प्रयास होते हैं. शिक्षा से लेकर बेहतर कार्य योजना के साथ जीवन यापन को आगे बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन भी समय-समय पर कई योजनाओं को आगे बढ़ाता है.

कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत : मनोरंजन के लिए भी कई तरह के उपाय किए जाते हैं, ताकि जेल में बंदियों को तमाम बुरी सोच और गलत बातों से दूर किया जा सके और ऐसा ही एक प्रयास वाराणसी की सेंट्रल जेल में पहली बार होने जा रहा है. पूर्वांचल की जेल में बड़ी जेल के तौर पर पहचान रखने वाली वाराणसी की सेंट्रल जेल में वर्तमान समय में दो हजार से ज्यादा बंदी सजा काट रहे हैं. इनके जीवन को सुधारने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से कई योजनाएं संचालित होती हैं, लेकिन पहली बार जेल के अंदर एक कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत की गई है.

फरमाइशी गीतों संग सुनाएंगे अपने जीवन की भी गाथा
फरमाइशी गीतों संग सुनाएंगे अपने जीवन की भी गाथा

कैदियों को मिलेगा मौका : यह कम्युनिटी रेडियो पूर्वांचल की जेल में पहली बार किसी जेल में ऑपरेट किया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर के बाद वाराणसी में ऑपरेट होने वाले इस कम्युनिटी रेडियो से एक तरफ जहां कैदियों को भजन उनके मनपसंद गाने सुनने का मौका मिलेगा, तो वहीं बहुत से कैदी अपने जीवन के किस्से कहानियों के साथ ही अपनी अन्य छुपी हुई प्रतिभा को भी बाहर निकाल पाएंगे.

रेडियो परवाज नाम से होगी शुरूआत : कैदियों को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने और उनकी दुनिया को विशेष दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से वाराणसी के सेंट्रल जेल में एक अभिनव पहल करते हुए जेल परिसर जेल रेडियो की शुरुआत की गई है. 'रेडियो परवाज' नाम से शुरू गई इस सेवा में जेल के बंदियों को अध्यात्म, साहित्य, गानों से रूबरू कराने के उद्देश्य से इस नई पहल की शुरुआत हुई है. रोज प्रातः काल भजन से इसकी शुरुआत की जाएगी जो की क्रमशः दिन भर भक्ति में संगीत के साथ-साथ योग और फरमाइशी गीत के साथ समाप्त होगी.

बंदियों का अवसाद दूर करने के लिए पहल : इस संबंध में कारागार अधीक्षक रामकृष्ण मिश्रा ने बताया कि जेल के बंदी दुनिया से कटे होते हैं, इसलिए उनको अपने अंदर आत्मग्लानि महसूस होती है और कई बंदी तो अक्सर अवसाद में चले जाते हैं. ऐसे में उनके इस अवसाद को दूर करने के लिए एक छोटी सी पहल की गई है. जिससे कि यह संगीत के माध्यम से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करें और संगीत से ही शाम की दिनचर्या को समाप्त करें. इससे उनके अंदर के अवसाद को खत्म करने की मदद मिलेगी. वहीं, योग और अन्य ज्ञानवर्धक चीजों की जानकारी प्रदान करके उनके मनोबल को भी बढ़ाया जा सकेगा.

उत्तर प्रदेश की 6 जेलों में प्रयोग : जेल में इस रेडियो सेवा की शुरुआत करने वाली एक फाउंडेशन की निदेशक मोनिका ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में 6 जेलों में इस तरह के प्रयोग किए हैं, जो की काफी सफल रहे हैं और बंदियों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में प्रथम बार वाराणसी सेंट्रल जेल में सेवा की शुरुआत की गई है. जिसमें शुरुआत में रिकॉर्डेड संगीत के माध्यम से कैदियों का मनोरंजन किया जाएगा.

प्रतिभा को दर्शाने का मिलेगा मौका : उन्होंने बताया कि बाद में इसको बढ़ाते हुए जो कैदी गायन में दक्ष होंगे उनको भी इसमें अपनी गायन प्रतिभा को दर्शाने का मौका दिया जाएगा. यह संचालन की संपूर्ण व्यवस्था जेल प्रशासन की होगी. तकनीकी सहायता उनके द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. इस सेवा के शुरू होने से निश्चित रूप से विशेष दुनिया से जुड़े होने का आभास कैदी कर सकेंगे. उद्घाटन के अवसर पर काफी संख्या में कैदियों ने उपस्थित रहकर इस सेवा की जानकारी प्रदान प्राप्त की.

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