श्रीनगर: पैठाणी में पर्वतीय कृषक कृषि बागवान उद्यमी संगठन की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा और देहरादून जिलों से संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए. इसी बीच वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार में शिक्षकों के पदों पर अनियमितता को लेकर विचार-विमर्श किया और शिक्षकों के पदों पर हुई नियुक्ति की जांच करने की मांग उठाई.
सवालों के घेरे में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी विवि में हुई शिक्षक भर्ती: संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बीरबान सिंह रावत ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार में शैक्षणिक पदों पर हुई भर्ती में यूजीसी रेगुलेशन 2018 व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मानकों को ध्यान में नहीं रखा गया. गैर-शैक्षणिक पदों के आवेदकों को सह-प्राध्यापक के पद पर बुलाया गया. उन्होंने कहा कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 के अनुसार साक्षात्कार कमेटी में अधिष्ठाता छात्र कल्याण व विभागाध्यक्ष का होना अनिवार्य है, लेकिन विवि ने उन्हें नहीं रखा था.
संगठन बोला शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने बताया कि भरसार विवि कुलपति व कुछ अन्य आला-अधिकारियों द्वारा चहेतों को शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां देने के लिए 2019 की इस भर्ती प्रक्रिया का संपूर्ण रोस्टर सभी नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया. उन्होंने कहा कि हॉर्टिकल्चर में जिस पद पर एक व्यक्ति का चयन हुआ है, उनकी पत्नी पहले भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करती है और बाद में वापस ले लेती है. प्रोफेसर के पद पर सेवारत शिक्षकों की पत्नियों का चयन भी हुआ है. शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
उच्च स्तरीय जांच न होने पर होगा प्रदर्शन: सामाजिक कार्यकर्ता दीपक ढौंढियाल व विजयपाल ने कहा कि विवि प्रशासन ने विगत एक वर्ष में हुई शैक्षणिक परिषद एवं प्रबंध परिषद की बैठकों में मनचाहे निर्णय लिए हैं. सेवानिवृत्त खंड विकास अधिकारी आशाराम पंत ने मामले की जांच कर पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने की बात कही. संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि विवि के खिलाफ हुई शिकायतों की उच्च स्तरीय जांच नहीं किए जाने पर प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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