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हिमाचल के डिपुओं में इस महीने 70 लाख लीटर सरसों के तेल की जरूरत, उपभोक्ताओं को मिल रहा आधा सामान - PULSES AND MUSTARD OIL CRISIS

हिमाचल में दिसंबर महीने का एक सप्ताह बीतने के बाद भी डिपुओं से अभी तक दाल और सरसों के तेल का कोटा गायब है.

HIMACHAL DEPOT RATION
हिमाचल के डिपुओं में दाल और तेल का कोटा गायब (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 7:37 AM IST

Updated : Dec 7, 2024, 8:42 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में भी राहत नहीं मिल रही है. दिसंबर महीने का पहला सप्ताह बीतने को है, लेकिन डिपुओं में से आधा सामान अभी भी गायब है. डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है. जबकि दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही है. ऐसे में लाखों परिवार बाजार से महंगे रेट पर दालें और तेल खरीदने को मजबूर हैं.

इन दालों के सप्लाई ऑर्डर जारी

हालांकि हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम से मलका और चने की दाल के रेट अप्रूव होने के बाद दोनों दालों की सप्लाई का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उचित मूल्य की दुकानों में दालों का ये स्टॉक नहीं पहुंचा है. ऐसे में खासकर गरीब परिवारों की जेब पर सबसे ज्यादा असर पर पड़ रहा है. वहीं, सरसों के तेल के लिए उपभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा.

दिसंबर में चाहिए 70 लाख लीटर तेल

हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है. प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है. जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को करीब 70 लाख लीटर सरसों के तेल की जरूरत है. हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की भी मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40,510 क्विंटल मलका और 79,160 क्विंटल दाल चना का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के बाजारों में जल्द मिलेगा प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा, हिमभोग ब्रांड के नाम से मिलेगा पैकेट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में भी राहत नहीं मिल रही है. दिसंबर महीने का पहला सप्ताह बीतने को है, लेकिन डिपुओं में से आधा सामान अभी भी गायब है. डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है. जबकि दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही है. ऐसे में लाखों परिवार बाजार से महंगे रेट पर दालें और तेल खरीदने को मजबूर हैं.

इन दालों के सप्लाई ऑर्डर जारी

हालांकि हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम से मलका और चने की दाल के रेट अप्रूव होने के बाद दोनों दालों की सप्लाई का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उचित मूल्य की दुकानों में दालों का ये स्टॉक नहीं पहुंचा है. ऐसे में खासकर गरीब परिवारों की जेब पर सबसे ज्यादा असर पर पड़ रहा है. वहीं, सरसों के तेल के लिए उपभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा.

दिसंबर में चाहिए 70 लाख लीटर तेल

हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है. प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है. जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को करीब 70 लाख लीटर सरसों के तेल की जरूरत है. हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की भी मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40,510 क्विंटल मलका और 79,160 क्विंटल दाल चना का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के बाजारों में जल्द मिलेगा प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा, हिमभोग ब्रांड के नाम से मिलेगा पैकेट
Last Updated : Dec 7, 2024, 8:42 AM IST
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