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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक, 25 जनवरी को आंदोलन का ऐलान - STATE EMPLOYEES JOINT COUNCIL MEET

कर्मचारी 25 जनवरी को प्रांतव्यापी आंदोलन करेंगे.

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लखनऊ में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक में परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि वेतन आयोग प्रत्येक दस वर्ष में अपने सुझाव देता है. इसलिए अब आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन किया जाए. सरकारी काम में मोटर साइकिल का उपयोग किए जाने के बावजूद वाहन भत्ता न मिलने, वर्ष 2013 में 11 दिवसीय हड़ताल के दौरान उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड के निर्देश के बावजूद 2016 को स्पष्ट नियमावली बनने के बाद भी उसे आज तक लागू नहीं किया गया. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के पेक्षा गृह में हुई.


इस बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी और संचालन कार्यवाहक महामंत्री डॉ नरेश ने की. इस बैठक में सभी शीर्ष पदाधिकारियों ने नियमानुसार दस वर्ष में लागू होने वाले वेतन आयोग के गठन और शासन स्तर पर तयशुदा मुद्दों पर आदेश जारी न होने तथा कर्मचारी शिक्षकों की विभाग स्तर पर लंबित मांगों पर विचार करते हुए आगामी 25 जनवरी को एक प्रांतव्यापी आंदोलन का आह्वान किया. जीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि विभिन्न घटक संघों की जायज मांगों पर सहमति के बावजूद उन पर अधिकारियों द्वारा उच्च स्तरीय आदेशों के बाद भी निस्तारण नहीं किया जा रहा है. बैठक में तय किया गया कि इस तरह के प्रकरणों को संकलित कर सरकार तक पहुंचाया जाएगा.


परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए पिछले 11 वर्ष से लगातार धरना-प्रदर्शन, रैलियां और वार्ताएं करने के बाद लगभग 80 से 90 प्रतिशत कार्मिकों को लाभ मिलेगा. आदेश आना अभी बाकी है. आदेश देखने के बाद उसमें मिलने वाली कर्मियों को ठीक कराने के लिए आंदोलन कार्यक्रम तय किए जाएंगे. कई विभागों में समय से पदोन्नति न किए जाने की शिकायतें हैं. सभी विभागों में भर्तियां बंद हैं. लगभग हर विभाग में 50 प्रतिशत पद स्वीकृति के सापेक्ष रिक्त हैं. इन समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए नियमित पदों पर आउटसोर्सिग भर्ती न किए जाने का मुद्दा बैठक में मुख्य रूप से उठाया गया.


बैठक में पदाधिकारियों द्वारा भर्ती संविदा कर्मी, आउटसोर्सिंग, अतिथि वक्ता की सेवा नियमावली बनाकर उनके शोषण और उत्पीड़न को बंद करने मांग की गई. बैठक को संतोष कुमार तिवारी, रेनू शुक्ला, अरविंद कुमार सिंह, अविनाश श्रीवास्तव, अमिता त्रिपाठी, सुभाष चंद्र तिवारी, प्रभात मिश्रा, संजीव गुप्ता, दिवाकर राय, जितेंद्र कुमार, श्रवण कुमार, एसके त्रिपाठी, उदयराज सिंह, संजय यादव, अनूप, राम सुरेश सिंह,रविंद्र यादव, डॉ. प्रदीप सिंह, योगेश मिश्रा, रामा यादव सहित जिला, मंडलों और प्रदेश अध्यक्षों, महामंत्रियों आदि ने संबोधित किया.

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक में परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि वेतन आयोग प्रत्येक दस वर्ष में अपने सुझाव देता है. इसलिए अब आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन किया जाए. सरकारी काम में मोटर साइकिल का उपयोग किए जाने के बावजूद वाहन भत्ता न मिलने, वर्ष 2013 में 11 दिवसीय हड़ताल के दौरान उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड के निर्देश के बावजूद 2016 को स्पष्ट नियमावली बनने के बाद भी उसे आज तक लागू नहीं किया गया. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय बैठक डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के पेक्षा गृह में हुई.


इस बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी और संचालन कार्यवाहक महामंत्री डॉ नरेश ने की. इस बैठक में सभी शीर्ष पदाधिकारियों ने नियमानुसार दस वर्ष में लागू होने वाले वेतन आयोग के गठन और शासन स्तर पर तयशुदा मुद्दों पर आदेश जारी न होने तथा कर्मचारी शिक्षकों की विभाग स्तर पर लंबित मांगों पर विचार करते हुए आगामी 25 जनवरी को एक प्रांतव्यापी आंदोलन का आह्वान किया. जीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि विभिन्न घटक संघों की जायज मांगों पर सहमति के बावजूद उन पर अधिकारियों द्वारा उच्च स्तरीय आदेशों के बाद भी निस्तारण नहीं किया जा रहा है. बैठक में तय किया गया कि इस तरह के प्रकरणों को संकलित कर सरकार तक पहुंचाया जाएगा.


परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए पिछले 11 वर्ष से लगातार धरना-प्रदर्शन, रैलियां और वार्ताएं करने के बाद लगभग 80 से 90 प्रतिशत कार्मिकों को लाभ मिलेगा. आदेश आना अभी बाकी है. आदेश देखने के बाद उसमें मिलने वाली कर्मियों को ठीक कराने के लिए आंदोलन कार्यक्रम तय किए जाएंगे. कई विभागों में समय से पदोन्नति न किए जाने की शिकायतें हैं. सभी विभागों में भर्तियां बंद हैं. लगभग हर विभाग में 50 प्रतिशत पद स्वीकृति के सापेक्ष रिक्त हैं. इन समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए नियमित पदों पर आउटसोर्सिग भर्ती न किए जाने का मुद्दा बैठक में मुख्य रूप से उठाया गया.


बैठक में पदाधिकारियों द्वारा भर्ती संविदा कर्मी, आउटसोर्सिंग, अतिथि वक्ता की सेवा नियमावली बनाकर उनके शोषण और उत्पीड़न को बंद करने मांग की गई. बैठक को संतोष कुमार तिवारी, रेनू शुक्ला, अरविंद कुमार सिंह, अविनाश श्रीवास्तव, अमिता त्रिपाठी, सुभाष चंद्र तिवारी, प्रभात मिश्रा, संजीव गुप्ता, दिवाकर राय, जितेंद्र कुमार, श्रवण कुमार, एसके त्रिपाठी, उदयराज सिंह, संजय यादव, अनूप, राम सुरेश सिंह,रविंद्र यादव, डॉ. प्रदीप सिंह, योगेश मिश्रा, रामा यादव सहित जिला, मंडलों और प्रदेश अध्यक्षों, महामंत्रियों आदि ने संबोधित किया.

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