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4 दिन बाद भी नहीं भूल पा रहा घटना, चश्मदीद ने बताई दिल्ली कोचिंग हादसे वाले रात की कहानी - Delhi Coaching Centre Tragedy

DELHI COACHING ACCIDENT: दिल्ली में कोचिंग हादसे को लेकर छात्रों में रोष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीं एक छात्र ने घटना के समय का खौफनाक मंजर बयां किया है कि उस समय छात्रों ने कैसे संघर्ष किया. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया खौफनाक मंजर
प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया खौफनाक मंजर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 12:58 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में हुए कोचिंग हादसे को लेकर छात्रों में अब भी रोष व्याप्त है. इसी क्रम में छात्र बुधवार को प्रदर्शन किया. इससे पहले डीसीपी ने उनसे प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को कानून के दायरे में लाने का ऐलान कर दिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने घटना को लेकर रोष जताते हुए कई जानकारी दी है.

बेसमेंट में नहीं चलेंगे कोचिंग सेंटर्स: प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि एलजी से मीटिंग के लिए पांच लोग लोग प्रतिनिधि के रूप में गए थे. एलजी ने सख्त निर्देश दिए हैं और बेसमेंट में कोचिंग संचालित करने को सख्त मना कर दिया है. साथ ही अगर कोचिंग पहली या दूसरी मंजिल पर चलाए जा रहे हैं, अगर वे नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उसने बताया कि घटना की रात उसकी एक छात्र से बात हुई थी, जिसने बताया था कि जब निकला था तो तीन छात्र वहां से थे. इसलिए कहा जा सकता है कि तीन ही छात्रों की मौत हुई है.

फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को निकाला: उसने आगे बताया कि जब कोचिंग से निकले आखिरी छात्र से वह मिला, तो उसने बताया था कि नीचे तीन लोग फंसे हैं और वह घबराकर हांफ रहा था. वह दक्षिण भारत से था. वहीं एक उत्तर पूर्व से छात्र वहां बाल्टी से पानी निकाल रहा था. मैंने अपने फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को बाहर निकाला. मैं काफी रात तक वहां रहा.

कोई मिलने नहीं आया: वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि प्रशासन को हमारे सामने आना चाहिए. हमारे सामने आने में दिक्कत है तो मीडिया के सामने आए. कोचिंग के डायरेक्टर फीस लेते समय तो कुछ नहीं सोचते. उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके पास कितनी सीट उपलब्ध हैं. कोचिंग के डायरेक्टर को हमसे मिलने आना चाहिए. वहीं जिस इंस्टिट्यूट में लाइब्रेरी हो वहां एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होना चाहिए.

यह हमारे लिए विफलता: घटना को लेकर एमसीडी के अतिरिक्त आयुक्त तारिक थॉमस ने बुधवार प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए विफलता है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी. एक अधिकारी के रूप में विफलता है कि यह घटना हुई है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. में अपना कर्तव्य बेहतर ढंग से निभाना चाहिए था, कोई बहाना नहीं है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान, कानून के दायरे में आएंगे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स, लाया जाएगा रेगुलेशन एक्ट

छात्रों की चिंताओं को दूर करने का किया गया प्रयास: वहीं एडीशनल डीसीपी सचिन शर्मा ने बताया कि कल उपराज्यपाल ने मीटिंग ली है और इनकी सारी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. यहां से एक दो स्कूल हैं, कोशिश थी कि कम से कम उनको अनुमति दे दी जाए कि वे पब्लिक वे को इस्तेमाल कर पाएं. इसके लिए हमने प्रयास किए और कुछ हद तक उसमें कामयाब भी हुए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली कोचिंग हादसे के चौथे दिन सामने आए विकास दिव्यकीर्ति, कहा- हमसे चूक हुई..., सरकारी सिस्टम को भी घेरा, पढ़ें और क्या कहा

नई दिल्ली: राजधानी में हुए कोचिंग हादसे को लेकर छात्रों में अब भी रोष व्याप्त है. इसी क्रम में छात्र बुधवार को प्रदर्शन किया. इससे पहले डीसीपी ने उनसे प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को कानून के दायरे में लाने का ऐलान कर दिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने घटना को लेकर रोष जताते हुए कई जानकारी दी है.

बेसमेंट में नहीं चलेंगे कोचिंग सेंटर्स: प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि एलजी से मीटिंग के लिए पांच लोग लोग प्रतिनिधि के रूप में गए थे. एलजी ने सख्त निर्देश दिए हैं और बेसमेंट में कोचिंग संचालित करने को सख्त मना कर दिया है. साथ ही अगर कोचिंग पहली या दूसरी मंजिल पर चलाए जा रहे हैं, अगर वे नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उसने बताया कि घटना की रात उसकी एक छात्र से बात हुई थी, जिसने बताया था कि जब निकला था तो तीन छात्र वहां से थे. इसलिए कहा जा सकता है कि तीन ही छात्रों की मौत हुई है.

फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को निकाला: उसने आगे बताया कि जब कोचिंग से निकले आखिरी छात्र से वह मिला, तो उसने बताया था कि नीचे तीन लोग फंसे हैं और वह घबराकर हांफ रहा था. वह दक्षिण भारत से था. वहीं एक उत्तर पूर्व से छात्र वहां बाल्टी से पानी निकाल रहा था. मैंने अपने फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को बाहर निकाला. मैं काफी रात तक वहां रहा.

कोई मिलने नहीं आया: वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि प्रशासन को हमारे सामने आना चाहिए. हमारे सामने आने में दिक्कत है तो मीडिया के सामने आए. कोचिंग के डायरेक्टर फीस लेते समय तो कुछ नहीं सोचते. उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके पास कितनी सीट उपलब्ध हैं. कोचिंग के डायरेक्टर को हमसे मिलने आना चाहिए. वहीं जिस इंस्टिट्यूट में लाइब्रेरी हो वहां एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होना चाहिए.

यह हमारे लिए विफलता: घटना को लेकर एमसीडी के अतिरिक्त आयुक्त तारिक थॉमस ने बुधवार प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए विफलता है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी. एक अधिकारी के रूप में विफलता है कि यह घटना हुई है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. में अपना कर्तव्य बेहतर ढंग से निभाना चाहिए था, कोई बहाना नहीं है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान, कानून के दायरे में आएंगे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स, लाया जाएगा रेगुलेशन एक्ट

छात्रों की चिंताओं को दूर करने का किया गया प्रयास: वहीं एडीशनल डीसीपी सचिन शर्मा ने बताया कि कल उपराज्यपाल ने मीटिंग ली है और इनकी सारी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. यहां से एक दो स्कूल हैं, कोशिश थी कि कम से कम उनको अनुमति दे दी जाए कि वे पब्लिक वे को इस्तेमाल कर पाएं. इसके लिए हमने प्रयास किए और कुछ हद तक उसमें कामयाब भी हुए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली कोचिंग हादसे के चौथे दिन सामने आए विकास दिव्यकीर्ति, कहा- हमसे चूक हुई..., सरकारी सिस्टम को भी घेरा, पढ़ें और क्या कहा

Last Updated : Jul 31, 2024, 5:27 PM IST
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