नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों ने शुक्रवार को पंचायत का आयोजन किया. जिसमें ग्रेटर नोएडा और नोएडा से भारी संख्या में किसान शामिल हुए. इसमें सभी किसान संगठनों ने 8 फरवरी को दिल्ली के लिए ट्रैक्टर मार्च कर संसद का घेराव करने का निर्णय लिया.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित दर्जनों गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का यह आंदोलन दिन और रात चल रहा है. जहां पर किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिग्रहण की एवज में किसानों को मिलने वाले 10% आवासीय भूखंड, बैक लीज और रोजगार सहित अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, किसानों को कहना है कि प्राधिकरण के द्वारा किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा जिसके चलते उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है.
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध नगर में तीनों प्राधिकरण में मुद्दे एक जैसे हैं. जहां 10% आवासीय भूखंड का मुद्दा तीनों प्राधिकरण बोर्ड बैठक से पास होकर शासन की मंजूरी के लिए लंबित है. वहीं जनप्रतिनिधि एवं प्राधिकरण के अधिकारी किसानों के मुद्दे की उपेक्षा कर रहे हैं. कोई ठोस आश्वासन जनप्रतिनिधियों की तरफ से अभी तक नहीं मिला है. वहीं अफसर भी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि उन्होंने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव मंजूर कर शासन को भेज दिया है.
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रुपेश वर्मा ने कहा कि शुक्रवार को हुई पंचायत में सभी संगठनों ने मिलकर निर्णय लिया है कि बजट सत्र के दौरान ही 8 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च कर संसद का घेराव किया जाएगा. किसान नेता सुनील फौजी ने ऐलान किया कि अन्य सभी संगठनों को जोड़कर आंदोलन में बड़ी तादाद में किसानों को शामिल किया जाएगा. इस दौरान सुखबीर खलीपा ने कहा कि कि नोएडा के सभी 81 गांव के किसान हजारों की संख्या में 8 फरवरी को संसद के घेराव के लिए मार्च करेंगे. इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 7 फरवरी को होने वाली महापंचायत में नोएडा से भी बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का धरना चौथे दिन भी लगातार जारी रहा.
प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए वीर सिंह नेताजी ने कहा कि किसान सभा की लड़ाई आर पार की लड़ाई है. अब सभी किसान संगठनों ने सभी को एक करके लड़ाई शुरू कर दी है. 7 फरवरी को बड़ी महापंचायत में शामिल करने के लिए गांव-गांव जाकर अभियान चलाया जाएगा.
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