नई दिल्ली/नोएडा: देश के विभिन्न जगहों से 3500 से अधिक फर्जी फर्म बनाकर 15 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में फरार चल रहे एक आरोपी की संपत्ति को नोएडा पुलिस ने बुधवार को कुर्क किया. कुर्क की गई संपत्ति आरोपी बलदेव उर्फ बल्ली की है, जिसपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. आरोपी की तलाश में पुलिस की दो टीमें लगी हुई हैं. बुधवार को थाना सेक्टर-20 की टीम ने बलदेव के हरियाणा के हिसार स्थित घर पर पहुंची और कुर्की की कार्रवाई की. इस दौरान आरोपी की करीब चार लाख रुपये की संपत्ति को कुर्क किया. इस मामले अबतक 29 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और एक आरोपी ने न्यायालय में हाल ही में आत्मसमर्पण किया है.
पुलिस ने बताया कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में ऐसी व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें पहले भुगतान किए गए जीएसटी के बदले में क्रेडिट मिल जाती हैं. ये क्रेडिट फर्म के जीएसटी अकाउंट में दर्ज हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि फर्जी कंपनियों द्वारा वास्तविक माल का आदान-प्रदान नहीं किया जाता है. गिरोह के आरोपियों ने जो कंपनियां बनाई थीं, वह धरातल पर थी ही नहीं और उनका वजूद महज कागजों में था. आरोपियों ने जाली बिल पर करोड़ों रुपये का लेनदेन दिखाया और कंपनियां एक दूसरे से फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का आदान-प्रदान करती रहीं. फरार आरोपियों में कई के विदेश भागने की भी आशंका है, जिनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है.
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बताया गया कि आरोपियों ने देश के अलग-अलग हिस्से में रहने वाले मजदूरों से आधार कार्ड हासिल किए थे. इसी के सहारे पैन कार्ड बनवाने के साथ फर्जी सिम कार्ड लिए गए. इसका इस्तेमाल जीएसटी रजिस्ट्रेशन में किया गया. आरोपी कई साल तक जीएसटी रिफंड के नाम पर लाभ लेते रहे. मामले में पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
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