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जहां कभी पढ़ाई की और पढ़ाया, अब उसी IIT कानपुर के निदेशक बने प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल - IIT Kanpur

IIT कानपुर का नया निदेशक प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल को बनाया गया है. प्रोफेसर मणिन्द्र कभी इसी संस्थान के छात्र भी रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 18, 2024, 10:08 PM IST

कानपुर : लगभग 42 साल पहले 1982 में IIT कानपुर में कंप्यूटर साइंस के छात्र के तौर पर दाखिला लेने वाले प्रयागराज के मणीन्द्र अग्रवाल ने कभी सोचा न होगा कि एक दिन वे इसी संस्थान के निदेशक बनेंगे. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. सरकार ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है. यहां बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब कंप्यूटर साइंस से कोई निदेशक बना है.

वर्ष 1996 में IIT कानपुर में मणीन्द्र अग्रवाल कंप्यूटर साइंस में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात हो गए. इसके बाद से ही वे अपने नवाचार व शोध कार्यों के कारण चर्चा में रहे. उनकी प्रतिभा और उपलब्धियों के चलते ही साल 2013 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल की आईआईटी कानपुर में अपनी एक बिल्कुल अलग पहचान है. गुरुवार शाम को प्रोफेसर मणीन्द्र की झोली में एकयादगार उपलब्धि आई. उन्हें आईआईटी कानपुर का निदेशक बना दिया गया.

बता दें कि UPSC 2023 टॉपर आदित्य श्रीवास्तव ने भी अपनी बीटेक एमटेक की डुएल डिग्री आईआईटी कानपुर से ही ली है. 2 दिनों पहले जब यूपीएससी की ओर से परीक्षा परिणाम जारी किया गया था तो लखनऊ निवासी आदित्य ने इस बारे में बताया था.

कोरोना महामारी के दौरान देश को बताया था गणितीय सूत्र मॉडल : देश और दुनिया में जब कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा था, उस दौरान वायरस की गतिविधियों को जानने समझने के लिए प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने ही एक ऐसा गणितीय सूत्र मॉडल तैयार करके देश को दिया था, जिससे यह जाना जा सकता था कि कोरोना लहर होगी कितनी खतरनाक होगी. प्रोफेसर मणीन्द्र ने भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी कोरोना महामारी को लेकर अपनी स्टडी रिपोर्ट तैयार की थी. यही नहीं, बुंदेलखंड जैसे राज्य में सूखा पड़ने से जो हर साल सैकड़ों की संख्या में किसान परेशान होते हैं या कोई गलत कदम उठाते हैं, उन्हें राहत देने के लिए आईआईटी कानपुर में कृत्रिम वर्षा का पूरा मॉडल भी प्रोफेसर मणीद्र अग्रवाल की ही देखरेख में तैयार किया गया था.

यह भी पढ़ें : ये है IAS-IPS की फैक्ट्री! जिस IIT से पढ़े UPSC टॉपर आदित्य श्रीवास्तव, वहां से अब तक निकल चुके 600 अफसर - IIT KANPUR NEWS

यह भी पढ़ें : अब सूखे की टेंशन होगी दूर, आईआईटी कानपुर कराएगा कृत्रिम बारिश

कानपुर : लगभग 42 साल पहले 1982 में IIT कानपुर में कंप्यूटर साइंस के छात्र के तौर पर दाखिला लेने वाले प्रयागराज के मणीन्द्र अग्रवाल ने कभी सोचा न होगा कि एक दिन वे इसी संस्थान के निदेशक बनेंगे. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. सरकार ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है. यहां बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब कंप्यूटर साइंस से कोई निदेशक बना है.

वर्ष 1996 में IIT कानपुर में मणीन्द्र अग्रवाल कंप्यूटर साइंस में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात हो गए. इसके बाद से ही वे अपने नवाचार व शोध कार्यों के कारण चर्चा में रहे. उनकी प्रतिभा और उपलब्धियों के चलते ही साल 2013 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल की आईआईटी कानपुर में अपनी एक बिल्कुल अलग पहचान है. गुरुवार शाम को प्रोफेसर मणीन्द्र की झोली में एकयादगार उपलब्धि आई. उन्हें आईआईटी कानपुर का निदेशक बना दिया गया.

बता दें कि UPSC 2023 टॉपर आदित्य श्रीवास्तव ने भी अपनी बीटेक एमटेक की डुएल डिग्री आईआईटी कानपुर से ही ली है. 2 दिनों पहले जब यूपीएससी की ओर से परीक्षा परिणाम जारी किया गया था तो लखनऊ निवासी आदित्य ने इस बारे में बताया था.

कोरोना महामारी के दौरान देश को बताया था गणितीय सूत्र मॉडल : देश और दुनिया में जब कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा था, उस दौरान वायरस की गतिविधियों को जानने समझने के लिए प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने ही एक ऐसा गणितीय सूत्र मॉडल तैयार करके देश को दिया था, जिससे यह जाना जा सकता था कि कोरोना लहर होगी कितनी खतरनाक होगी. प्रोफेसर मणीन्द्र ने भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी कोरोना महामारी को लेकर अपनी स्टडी रिपोर्ट तैयार की थी. यही नहीं, बुंदेलखंड जैसे राज्य में सूखा पड़ने से जो हर साल सैकड़ों की संख्या में किसान परेशान होते हैं या कोई गलत कदम उठाते हैं, उन्हें राहत देने के लिए आईआईटी कानपुर में कृत्रिम वर्षा का पूरा मॉडल भी प्रोफेसर मणीद्र अग्रवाल की ही देखरेख में तैयार किया गया था.

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