भिवानी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में गरीबों को इलाज कराना मुश्किल हो सकता है. इसका कारण है सरकार और उसके अधिकारी. क्योंकि सरकार की अनदेखी की वजह से हरियाणा के निजी अस्पतालों के करीब 300 करोड़ रुपये बकाया है. इसी के विरोध में अब प्राइवेट अस्पताल इलाज बंद करने वाले हैं.
आईएमए ने की बैठक- प्राइवेट अस्पतालों का आयुष्मान योजना के तहत बकाया पैसा गरीब परिवारों के इलाज पर खर्च किया गया है. लेकिन सरकार ने अभी तक ये पैसा अस्पतालों को नहीं दिया है. इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (आईएमए) ने इस विषय पर गुरुवार को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर बैठक कर के निर्णय लिया है कि निजी हॉस्पिटल 16 मार्च से इस स्कीम के तहत इलाज नहीं करेंगे.
आईएमए ने लगाया आरोप- आईएमए के भिवानी जिला प्रधान डॉक्टर एनके गर्ग की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में भिवानी के सभी डॉक्टर उपास्थित हुए. उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने से विभाग उनके हॉस्पिटल के पैसे नहीं दे रहा है जबकि अधिकारियों को बार-बार इसके बारे में बता दिया गया है. आइएमए के संयोजक डॉक्टर सुशील धमीजा ने बतया कि उनका पैसा तो अटक ही गया है, साथ ही कोई भी बिल विभाग को भेजा जाता है तो उसमे भारी कटौती कर दी जाती है.
16 मार्च से नहीं करेंगे इलाज- आईएमए का कहना है कि अब निजी हॉस्पिटल आयुष्मान योजना के तहत 16 मार्च से कोई इलाज नहीं करेंगे. अगर ऐसा होता है तो प्रधानमंत्री की इस योजना को काफी नुकसान होगा. साथ ही गरीब परिवार जो अब तक आसानी से इलाज करवा रहे थे उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
क्या है आयुष्मान योजना- आयुष्मान भारत केंद्र सरकार की योजना है, 23 सितंबर 2018 में शुरू की गई थी. योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैय्या कराना था. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का कैशरहित बीमा उपलब्ध कराया जाता है. आयुष्मान कार्ड धारक देशभर के सरकारी और साथ ही कुछ निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज करा सकते हैं. इसीलिए निजी अस्पताल इसका विरोध कर रहे हैं.
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