नई दिल्लीः लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के 107वें स्थापना दिवस पर आयोजित दीक्षांत समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डॉक्टर व नर्स सही मायने में तभी सफल माने जाएंगे जब पेशेवर दक्षता के साथ-साथ करुणा दया व सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य विद्यमान हों. एक अच्छा स्वास्थ्य कर्मी होने के लिए एक अच्छा इंसान होना भी जरूरी है. इसलिए डॉक्टरों का प्राथमिक उद्देश्य धनोपार्जन नहीं, सेवा होना चाहिए.
उन्होंने कोरोना काल के दौरान डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपने जीवन को खतरे में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज और सेवा करने के लिए सराहना की. साथ ही एलएचएमसी से मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को डिग्रियां देते हुए कहा कि मेडिकल शिक्षा का प्रमाण पत्र हासिल करने वाली बेटियां जहां भी जाएंगी वहां उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करेंगी.
उन्होंने कहा कि लड़कियों को आज भी शिक्षा के लिए कई तरह की सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाली छात्राओं से कहा कि उनकी सफलता महिला सशक्तिकरण को गति देगी और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने का काम करेगी. उन बेटियों की सफलता समाज के लिए प्रेरणा है.
उन्होंने एलएचएमसी और उससे जुड़े अस्पतालों द्वारा मेडिकल शिक्षा और चिकित्सा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एलएचएमसी को आर्गेन ट्रांसप्लांट रिट्रीवल सेंटर के रूप में भी पंजीकृत कर लिया गया है. आज चिकित्सा विज्ञान सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है. इसका कार्य क्षेत्र व्यापक हो गया है. चौथी औद्योगिक क्रांति के कारण फिजिकल, डिजिटल और बायोलाजिकल क्षेत्र के बीच की खाई कम हो रही है.
सिंथेटिक बायोलाजी में हो रहे नए प्रयोग, जीन एडिटिंग जैसी नई तकनीक सदियों से चली आ रही समस्याओं का समाधान तलाशने में मददगार हो रही है. इन तकनीकों के दुरुपयोग की समस्या भी बनी हुई है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डॉक्टर अपने पेशेवर जीवन में नैतिकता और उच्च मूल्यों के साथ काम करेंगे और एकीकृत दृष्टिकोण से स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करने का प्रयास करेंगे.