नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के विजिटर के रूप में विश्वविद्यालय के अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर मोहम्मद शकील की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी जेएमआई अधिनियम, 1988 की विधि 2(6) द्वारा दी गई है. जामिया के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने 22 मई, 2024 को कार्यवाहक कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था. लेकिन, राष्ट्रपति द्वारा उनकी नियुक्ति को आज मंजूरी दी गई है.
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह साफ हो गया है कि जब तक कि विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक वह पद पर बने रहेंगे. प्रो. शकील ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), अलीगढ़ से बीटेक और एमटेक. की डिग्री प्राप्त की है. उसके बाद उन्होंने रुड़की विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.
वे नवंबर 1986 में जेएमआई में लेक्चरर के पद पर नियुक्त हुए थे और उसके बाद उन्हें क्रमशः वर्ष 1992 और 2000 में रीडर और प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था. उनके पास शिक्षण और शोध का व्यापक अनुभव है. उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक पदों जैसे डीन, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय, परीक्षा नियंत्रक, निदेशक, दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र, प्रमुख सिविल इंजीनियरिंग विभाग और कई अन्य पदों पर कार्य किया है. वे विश्वविद्यालय की कई महत्वपूर्ण समितियों का भी हिस्सा रहे हैं.
बता दें, जामिया की नियमित कुलपति के रूप में प्रोफेसर नजमा अख्तर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद तत्कालीन उप कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन ने कार्यवाहक कुलपति का पद संभाला था. लेकिन, 22 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने मोहम्मद शामी अहमद अंसारी और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रोफेसर इकबाल हुसैन की उप कुलपति और कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्ति को अवैध करार देते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया था.
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इसके बाद प्रोफेसर शकील अहमद ने 22 मई को तत्काल जामिया के कार्यवाहक कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था. हाईकोर्ट ने इकबाल हुसैन की नियुक्ति को लेकर कहा था कि कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति करने का अधिकार विश्वविद्यालय की विजिटर राष्ट्रपति के पास है तो विश्वविद्यालय ने नियुक्ति क्यों की. हालांकि, 28 मई को अपदस्थ किए गए कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन ने भी प्रोफेसर शकील अहमद की कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्ति को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी.
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