नई दिल्ली: नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने नई दिल्ली क्षेत्र को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है. दिल्ली के अति विशिष्ट लोग इसी क्षेत्र में रहते हैं. देश पर शासन इसी क्षेत्र से चलता है. संसद भवन, राष्ट्रपति भवन से लेकर तमाम मंत्रालयों की इमारतें, प्रधानमंत्री आवास, तमाम सांसदों के सरकारी आवास और गिने चुने रिहायशी क्षेत्र में निजी लोगों का आवास व बाजार स्थित है.
जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली क्षेत्र की ऊंची बिल्डिंग पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल तो कुछ सालों से चल रहा है, मगर अब एनडीएमसी ने सोलर एनर्जी से 200 मेगावाट बिजली उत्पादन का प्लान बनाया है. एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय के मुताबिक, इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. अब इस क्षेत्र की सड़कों को विश्व स्तरीय बनाने के साथ-साथ तमाम रोड साइनेज को बदला जाएगा. छह हजार से अधिक हार्ड रिफ्लेक्टर रोड साइनेज बदले जाएंगे. क्षेत्र में लगे बस स्टॉप के ऊपर से लेकर स्ट्रीट लाइटों को सोलर एनर्जी फ्रेंडली बनाया जाएगा.
एनडीएमसी के अन्य सदस्य कुलजीत सिंह चहल का कहना है कि बिजली की डिमांड पूरा करने और नई दिल्ली क्षेत्र को ग्रीन एनर्जी सिटी के रूप में तब्दील करने की दिशा में यह प्लान बनाया गया है. इसे वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. एनडीएमसी इलाके में रहने वालों को अपने-अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने की अपील की जाएगी. साथ ही सरकारी इमारतों की देखरेख करने वाली एजेंसी को भी सोलर पैनल लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
दिल्ली के अन्य इलाकों में 2027 तक का लक्ष्य: उधर, दिल्ली सरकार द्वारा जारी सोलर पॉलिसी की अधिसूचना के बाद लक्ष्य रखा गया है कि 2027 तक दिल्ली में इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली में 50 फीसद बिजली सोलर एनर्जी से आए. गत मार्च महीने से लागू इस पॉलिसी के बाद अगले तीन साल के अंदर (2027 तक) दिल्ली में 4500 मेगावॉट सोलर पावर की क्षमता स्थापित हो जाएगी. इसमें से 750 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल छत के ऊपर लगाए जाएंगे. जबकि, 3750 मेगावाट डिस्कॉम बाहर से सोलर पावर खरीदेंगे. आज दिल्ली में 1500 मेगावाट सोलर पावर की क्षमता है, जिसे अगले तीन साल में तीन गुना तक बढ़ाकर 4500 मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.
वर्तमान में दिल्ली के लगभग 70 फीसदी आवासीय उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिलता है (200 यूनिट से कम खपत हर महीने). नई सोलर पॉलिसी के तहत छत पर प्लांट लगाकर आंशिक रूप से सब्सिडी वाले और बिना सब्सिडी वाले उपभोक्ता भी पहले महीने से ही हर महीने शून्य बिल प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा उन्हें दिल्ली सरकार के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (जीबीआई) के जरिए से 700-900 रुपये की मासिक आय और 4 साल में कुल निवेश पर वापसी (आरओआई) प्राप्त होगी.
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