लखनऊ : उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दसवीं सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच में कशमकश तेज हो गई है. रणनीतिक युद्ध के लिए महारथी आमने-सामने हो गए हैं. दोनों ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं. समाजवादी पार्टी की ओर से विधायकों की बैठक करके उन्हें राज्यसभा में वोट करने के तरीके के संबंध में जानकारियां रविवार को प्रदेश कार्यालय पर दी गईं. जबकि नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस यानी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों का प्रशिक्षण लोक भवन में सोमवार को होगा. भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी विधायकों को लखनऊ बुला लिया है. वोट अलॉटमेंट की कार्यविधि भी सभी विधायकों को बताई जाएगी. दोनों पक्ष दसवीं सीट जीतने के लिए हर संभव जोड़-तोड़ कर रहे हैं. जिसमें समाजवादी पार्टी से पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद संजय सेठ शामिल हैं.
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने विधायकों को सहेजने की कवायद शुरू की. एनडीए के सभी विधायक लखनऊ बुलाए गए हैं. वोट प्रबंधन को लेकर भाजपा-सपा के खेमे में हलचल है. भाजपा एनडीए के सभी वोटों को सहजने में जुटी है. सभी विधायक रविवार रात तक लखनऊ बुलाए गए. वोट अलॉटमेंट की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा. यूपी कोटे की 10 राज्य सभा सीटों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. लोक भवन में सोमवार की सुबह एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक है. बैठक में सीएम योगी व दोनों डिप्टी सीएम शामिल होंगे. भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल के नेता भी शामिल होंगे.
सपा की भी जोरदार तैयारी
समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी विधायक लखनऊ बुलाए हैं. विधायकों को राज्यसभा के लिए वोटिंग की बारीकियां समझाई गई. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने वरीयता के आधार पर मतदान की जानकारी दी. डमी मतपत्र के जरिए मतदान का प्रशिक्षण समाजवादी पार्टी के विधायकों को दिया गया है. सपा अपने सभी विधायकों का वोट करने के लिए रणनीति बना रही है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजा भैया से समर्थन मांगा है.
यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव को राजा भैया का साथ मिलना आसान नहीं, मानी जा रही ये सियासी वजह