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महाकुंभ 2025: महानिर्वाणी अखाड़े ने शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदला, जानें वजह

Prayagraj Mahakumbh 2025 : आमंत्रण पत्र में शाही स्नान और पेशवाई की जगह कुंभ मेला छावनी प्रवेश यात्रा और कुंभ अमृत स्नान लिखा गया है.

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी का आमंत्रण पत्र.
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी का आमंत्रण पत्र. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 6:00 PM IST

प्रयागराज : श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की तरफ से महाकुंभ के दौरान निकलने वाली पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलकर नया नामकरण कर दिया गया है. अखाड़े की तरफ से महाकुंभ के लिए बनवाए गए आमंत्रण पत्र में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदल दिया गया है. पेशवाई का नाम कुंभ मेला छावनी प्रवेश यात्रा और शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान नाम दिया गया है.

महाकुंभ 2025 : शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदला. (Video Credit : ETV Bharat)

बता दें, महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने की मांग तेजी से उठ रही थी. जिसको देखते हुए विभिन्न अखाड़ों के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने का समर्थन किया था. अखाड़ा परिषद की बैठक में भी इन नामों को बदलने का प्रस्ताव भी पास किया गया है. इसी क्रम में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने नया नामकरण कर दिया है.





श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की तरफ से तरफ से छपवाए गए आमंत्रण पत्र में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलकर नया नाम कर दिया गया है. कार्ड में शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान और पेशवाई की जगह पर कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा लिख दिया गया है. इस आमंत्रण पत्र में 2 जनवरी 2025 को कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा (पेशवाई) और प्रथम कुंभ अमृत स्नान 14 जनवरी, द्वितीय कुंभ अमृत स्नान 29 जनवरी और तृतीय कुंभ अमृत स्नान 3 फरवरी लिखा हुआ है. साथ ही 6 दिसंबर को कुंभ छावनी भूमि पूजन और 22 दिसंबर को धर्मध्वजा मुहूर्त स्थापना की तारीख लिखी हुई है.



श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत यमुना पुरी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान अखाड़ों की पेशवाई और शाही स्नान सदियों से इस्तेमाल होते आए हैं. पेशवाई और शाही स्नान जैसे शब्द गुलामी के प्रतीक प्रतीत होते रहे हैं. इन नामों को मुगल काल में रखा गया होगा. महाकुंभ 2025 में गुलामी के प्रतीक वाले इन नामों को बदलने की चर्चा चल रही थी. जिसको देखते हुए उसे अमल में लाया गया है. अखाड़े के आमंत्रण पत्र समेत अन्य दस्तावेजों में भी पेशवाई की जगह कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा और शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान नाम कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज: महानिर्वाणी अखाड़ा के संतों ने सबसे पहले लगाई आस्था की डुबकी

यह भी पढ़ें : कुंभ : गाजे-बाजे के साथ सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े ने संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज : श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की तरफ से महाकुंभ के दौरान निकलने वाली पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलकर नया नामकरण कर दिया गया है. अखाड़े की तरफ से महाकुंभ के लिए बनवाए गए आमंत्रण पत्र में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदल दिया गया है. पेशवाई का नाम कुंभ मेला छावनी प्रवेश यात्रा और शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान नाम दिया गया है.

महाकुंभ 2025 : शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदला. (Video Credit : ETV Bharat)

बता दें, महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने की मांग तेजी से उठ रही थी. जिसको देखते हुए विभिन्न अखाड़ों के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने का समर्थन किया था. अखाड़ा परिषद की बैठक में भी इन नामों को बदलने का प्रस्ताव भी पास किया गया है. इसी क्रम में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने नया नामकरण कर दिया है.





श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की तरफ से तरफ से छपवाए गए आमंत्रण पत्र में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलकर नया नाम कर दिया गया है. कार्ड में शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान और पेशवाई की जगह पर कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा लिख दिया गया है. इस आमंत्रण पत्र में 2 जनवरी 2025 को कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा (पेशवाई) और प्रथम कुंभ अमृत स्नान 14 जनवरी, द्वितीय कुंभ अमृत स्नान 29 जनवरी और तृतीय कुंभ अमृत स्नान 3 फरवरी लिखा हुआ है. साथ ही 6 दिसंबर को कुंभ छावनी भूमि पूजन और 22 दिसंबर को धर्मध्वजा मुहूर्त स्थापना की तारीख लिखी हुई है.



श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत यमुना पुरी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान अखाड़ों की पेशवाई और शाही स्नान सदियों से इस्तेमाल होते आए हैं. पेशवाई और शाही स्नान जैसे शब्द गुलामी के प्रतीक प्रतीत होते रहे हैं. इन नामों को मुगल काल में रखा गया होगा. महाकुंभ 2025 में गुलामी के प्रतीक वाले इन नामों को बदलने की चर्चा चल रही थी. जिसको देखते हुए उसे अमल में लाया गया है. अखाड़े के आमंत्रण पत्र समेत अन्य दस्तावेजों में भी पेशवाई की जगह कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा और शाही स्नान की जगह पर कुंभ अमृत स्नान नाम कर दिया गया है.

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