बेमेतरा : जिला में प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत करीब 550 गांव में समुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. इनमें से 250 शौचालयों के संचालन जिम्मा महिला समूहों को दिया गया है. परंतु इसका कोई उपयोग होता नजर नहीं आ रहा है. वहीं देखरेख के अभाव में सामुदायिक शौचालय महज शो-पीस बनकर रह गए हैं.
ग्रामीणों ने शौचालय में जड़े ताले : शासन की ओर से गांव-गांव में समुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था. ताकि लोग खुले में शौच करने से बचे और लोगों में जागरूकता आ सके. शासन की इस योजना को धरातल पर तो उतारा गया, परंतु इन शौचालयों का कोई उपयोग होता नजर नहीं आ रहा है. जिले के अधिकतर ग्राम पंचायतों में बनाए गए सामुदायिक शौचालयों में ताला जड़ा हुआ है. जिसकी वजह से शैचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है.
"मैंने बहेरा गांव का निरीक्षण किया है, जहां सामुदायिक शौचालय का बेहतर उपयोग हो रहा है. कई गांव में ताला जड़ने की शिकायत मिली है, जहां जनपद पंचायत के सीईओ और टीम को भेज कर लोगों को इसके उपयोग के प्रति जागरूक किया जाएगा." - टेकचंद अग्रवाल, सीईओ, जिला पंचायत बेमेतरा
पानी की कमी के चलते नहीं हो रहा संचालन : कई ग्राम पंचायतों में जागरूकता के कमी की वजह सामुदायिक शौचालय केवल शो पीस बनकर रह गए हैं. कुछ गांव में तो पानी के अभाव के चलते लोग सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने से बच रहे हैं. इसी वजह से कई गांवों में सामुदायिक शौचालय बंद पड़े हुए हैं.
शासन-प्रशासन को जागरूकता के कार्यक्रम चलाकर लोगों को सामुदायिक शौचालय के उपयोग करने के लिए जागरूक करना चहिए. ताकि लोगों को ओडीएफ के बारे में जागरूक किया जा सके. इससे लोग बेहिचक सामुदायिक शौचालयों का उपयोग करने लगेंगे.