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सिलक्यारा टनल में फंसी मशीनों के खराब होने की आशंका, कंपनी को लग सकती है करोड़ों की चपत - उत्तरकाशी टनल हादसा

Silkyara Tunnel उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे के बाद अब सुरक्षात्मक काम किया जा रहा है, लेकिन कंपनी को मशीनों के खराब होने की चिंता सता रही है. क्योंकि, हादसे के बाद से ही कई कीमती मशीनें अंदर ही फंसी हुई हैं, जो सुरंग के रिसाव से जमा पानी में डूबी हैं. ऐसे में इन मशीनों के खराब होने की आशंका है.

Silkyara Tunnel
सिलक्यारा सुरंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 5:27 PM IST

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में फंसी मशीनें खराब होने की आशंका है. यहां भूस्खलन हादसे के बाद मजदूरों को तो सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन सुरंग निर्माण में इस्तेमाल की गई मशीनें अंदर ही फंसी हुई हैं. कार्यदायी संस्था के अधिकारियों का कहना है कि हादसे में कुछ मशीनें मलबे में भी दबी. जबकि, कुछ अंदर हैं. जिनके सुरंग में रिसाव से जमा पानी में डूबकर खराब होने की आशंका बनी हुई है.

गौर हो कि बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हो गया था. हादसे के 17 दिन बार सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया, लेकिन अभी तक सुरंग के अंदर आए मलबे को नहीं हटाया जा सका है. जिससे सुरंग के अंदर फंसी मशीनें भी नहीं निकाली जा सकी. इनमें लाखों और करोड़ों रुपए कीमत की मशीनें भी हैं, जिसमें शॉटक्रीट कंक्रीट मशीन, सीमेंट मिक्सर आदि शामिल हैं.

हादसे के बाद दो महीने से ज्यादा समय से काम बंद है. ऐसे में वहां सुरंग से रिसने वाला पानी भरने की आशंका है. जिसमें अंदर फंसी मशीनें भी डूब सकती हैं. कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में फंसी निर्माण कंपनी की मशीनों को लंबा समय हो चुका है. अब वहां पानी भी भर गया होगा. ऐसे में उन्होंने भी लंबे समय से बिना चले पानी में खड़ी इन मशीनों के खराब होने की आशंका जताई. जिससे निर्माण कंपनी को नुकसान हो सकता है.

निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जोरों पर किया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य: सुरंग निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद सिलक्यारा छोर से निर्माण शुरू करने के लिए सुरक्षात्मक कार्य जोरों पर चल रहा है. जिसके तहत यहां ह्यूम पाइप डालने के साथ सुरंग को मजबूती देने का काम किया जा रहा है. 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में 21 मजदूर इस काम में जुटे हुए हैं. सुरक्षात्मक कार्य के बाद डी वाटरिंग और मलबा हटाने का काम शुरू होगा.

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गौर हो कि बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हो गया था. हादसे के 17 दिन बार सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया, लेकिन अभी तक सुरंग के अंदर आए मलबे को नहीं हटाया जा सका है. जिससे सुरंग के अंदर फंसी मशीनें भी नहीं निकाली जा सकी. इनमें लाखों और करोड़ों रुपए कीमत की मशीनें भी हैं, जिसमें शॉटक्रीट कंक्रीट मशीन, सीमेंट मिक्सर आदि शामिल हैं.

हादसे के बाद दो महीने से ज्यादा समय से काम बंद है. ऐसे में वहां सुरंग से रिसने वाला पानी भरने की आशंका है. जिसमें अंदर फंसी मशीनें भी डूब सकती हैं. कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में फंसी निर्माण कंपनी की मशीनों को लंबा समय हो चुका है. अब वहां पानी भी भर गया होगा. ऐसे में उन्होंने भी लंबे समय से बिना चले पानी में खड़ी इन मशीनों के खराब होने की आशंका जताई. जिससे निर्माण कंपनी को नुकसान हो सकता है.

निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जोरों पर किया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य: सुरंग निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद सिलक्यारा छोर से निर्माण शुरू करने के लिए सुरक्षात्मक कार्य जोरों पर चल रहा है. जिसके तहत यहां ह्यूम पाइप डालने के साथ सुरंग को मजबूती देने का काम किया जा रहा है. 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में 21 मजदूर इस काम में जुटे हुए हैं. सुरक्षात्मक कार्य के बाद डी वाटरिंग और मलबा हटाने का काम शुरू होगा.

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