कुल्लू: ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू (Great Himalayan National Park kullu) में वन्य जीव खूब फल फूल रहे हैं और यहां पर वन्य जीव का अस्तित्व भी अब सुरक्षित होता नजर आ रहा है. हाल ही में नेशनल पार्क सर्वेक्षण से पता चला है कि यहां वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. सर्वेक्षण के बाद ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क प्रबंधन ने भी खुशी जाहिर की है.
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़, कस्तूरी मृग और भूरे भालूओं का संरक्षण हो रहा है. नवंबर-दिसंबर-2023 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में सर्वेक्षण के लिए गई टीमों को नीली भेड़ें और कस्तूरी मृग देखने को मिले, लेकिन भूरे भालुओं की संख्या को निशान के आधार पर आंका गया है. बंजार विधानसभा क्षेत्र में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में किए गए सर्वेक्षण के दौरान तीर्थन और सैंज में 94 नीली भेड़ें मिली हैं.
मिली जानकारी के अनुसार साल 2022-23 में तीर्थन में 25 नीली भेड़ें दिखी थीं. इस बार सर्वेक्षण में ये जानकारी सामने आई है कि समूह में 53.84 प्रतिशत मादा नीली भेड़ें, 23 प्रतिशत नर नीली भेड़ें व 24 प्रतिशत मेमने दिखे हैं. बता दें कि नीली भेड़ें आम तौर पर 3000 से 5500 मीटर ऊंचाई तक पाई जाती हैं. पार्क प्रबंधन के डेलथाच में दो, डराशड, डवाराथाच, कशालधार, रधौनी में एक-एक कस्तूरी मृग गणना के दौरान देखा गया है. इसके अलावा डेलथाच में सबसे ऊंचाई पर कस्तूरी मृग पाया गया है. 33.33 प्रतिशत कस्तूरी मृग प्रति दो किलोमीटर में पाए गए हैं.
डेलथाच में दो कस्तूरी मृग पाए गए, जिनका घनत्व 6.66 प्रतिशत है, जो पिछले साल के मुकाबले 4.91 प्रतिशत अधिक है. वहीं भूरे भालू की बात करें तो 25 किलोमीटर में किए गए सर्वेक्षण में इन्हें प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा गया है, लेकिन दो स्थानों पर इनके निशान मिले हैं. सर्वेक्षण के दौरान पार्क प्रबंधन के द्वारा गठित की गई टीम इन जीवों को प्रत्यक्ष देखने के साथ-साथ आवाज, पैरों के निशान और स्कैनिंग के जरिए उनकी गणना करती है. इस बार भूरे भालू के प्रत्यक्ष तौर पर न दिखने से अगली बार नई तकनीक अपनाने पर भी विचार किया जा रहा है.
इसके अलावा 27 अप्रैल को जुजुराना की गणना के लिए गई टीम भी लौट आई है. बारिश के चलते गणना पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन साफ मौसम के दौरान टीमों को खुले में जुजुराना दिखा है, जिससे इस बार इसकी संख्या बढ़ने की भी संभावना है. अब जल्द ही दोबारा से जुजुराना की गणना के लिए टीम पार्क में भेजी जाएगी.
ये भी पढ़ें: कुल्लू के सेब को इटालियन मधुमक्खी बनाएगी रसीला, जानें क्यों बागवानों ने दिया हजारों बॉक्स का ऑर्डर