नई दिल्ली: यमुना नदी किस हद तक प्रदूषित है. तस्वीरें देखकर साफ पता चल रहा है. दिल्ली में सफेद झाग से यमुना पूरी तरह से ढकी दिख रही है. तमाम तरह का कचरा और केमिकल मिक्स यह झाग लोगों को बीमार कर सकता है. दरअसल, चिंता इसलिए और बढ़ गई है कि छठ पूजा पर यहां महिलाएं डुबकी लगा रही हैं. यह बीमारी को बुलावा देने से कम नहीं है.
यमुना नदी का प्रदूषण किस स्तर तक पहुंच गया है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने ओखला के पास यमुना नदी का जल प्रदूषण को मापने के लिए प्रदूषण एक्सपर्ट विजय प्रताप दुबे से बात की. उन्होंने बताया कि नॉर्मल नहाने का पानी 300 डिग्री पर साफ माना जाता है, जिससे लोग नहाने में प्रयोग करते हैं. वहीं, यमुना का जल साढ़े 6 सौ डिग्री से अधिक लेवल पर है, जो किसी भी रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता. यमुना नदी में नहाने और उसका प्रयोग करने से तमाम तरह की बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि छठ के दौरान जिन लोगों द्वारा यमुना में स्नान किया जाएगा, उन्हें स्किन संबंधी तमाम बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि यमुना का जल इस हद तक परदूषित है कि इसमें जाने से भी बीमारियां हो सकती हैं.
गुरुवार को जहां लोग छठ पर्व की शुरुआत डूबते सूर्य को अर्घ देकर शुरू करेंगे. वहीं नोएडा के ओखला बैराज के पास बहने वाली यमुना नदी का पानी प्रदूषित होने के साथ ही भारी मात्रा में सफेद झाग पानियों पर तैर रहा है. यमुना नदी में फैले प्रदूषण के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने जल प्रदूषण एक्सपर्ट विजय प्रताप दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि जल प्रदूषण को मापने वाली मशीन के आधार पर माने तो यमुना नदी का जल अत्यधिक प्रदूषित है, जो वर्तमान समय में साढ़े 6 सौ डिग्री पर पहुंच चुका है.
उन्होंने बताया कि 140 डिग्री का पानी पीने योग्य होता है. वही नहाने का पानी साढे 300 के करीब मापा जाता है, जबकि यमुना नदी का जल वर्तमान समय में साढ़े 6 सौ डिग्री को पार कर रहा है, जो अपने आप में एक चिंताजनक और लोगों के जीवन के लिए घातक भी है. उन्होंने बताया कि छठ पर्व के दौरान लोग डूबते सूर्य और उगते हुए सूर्य को यमुना नदी में खड़े होकर अर्क देने का काम करेंगे, और इस दौरान उनके शरीर में यमुना का प्रदूषित पानी लगेगा, जो कि शरीर के लिए काफी घातक साबित होगा.
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यमुना के तीन बैराज खोले गए
ओखला बैराज के पास बहने वाली यमुना नदी के पुल के नीचे बने हुए बैराज को सिंचाई विभाग द्वारा प्रदुषण को लेकर बंद किया गया था, जिसके चलते नोएडा की तरफ यमुना नदी का जलस्तर कम हुआ, पर छठ पर्व को देखते हुए यमुना नदी में पानी की कमी ना हो, इसे ध्यान में रखते हुए तीन बैराज को खोला गया, जिसमें दो बैराज आज एक साथ खोले गए और एक बाद में. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अत्यधिक पानी आने से यमुना में दिखने वाली जाग को आगे बढ़ाया जा सकता है, ताकि लोग आसानी से घाट के किनारे छठ का पर्व मना सके.
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