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वनाग्नि से खराब हुई पहाड़ की आबोहवा, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी दे रहे ये दलील - forest fire in uttarakhand - FOREST FIRE IN UTTARAKHAND

Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड में कई दिनों से जंगल आग से जल रहे हैं. जंगलों में आग लगने से धुंध छाई हुई है. साथ ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी पहाड़ों के आबोहवा की निगहबानी करनी शुरू कर दी है.

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फोटो ईटीवी भारत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 7, 2024, 5:38 PM IST

Updated : May 7, 2024, 6:43 PM IST

वनाग्नि की पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड मशीनों से कर रहा निगहबानी (ईटीवी भारत)

हल्द्वानी: पहाड़ के जंगलों में लगी आग जहां लोगों के लिए मुसीबत बन रही है. आज के चलते जहां जंगलों और वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं लोगों को जान तक गंवानी पड़ रही है. पहाड़ों की आग ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही अब शहरवासियों को डराने लगी है.धुएं से लोगों का दम फूलने लगा है. जिसको देखते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी पहाड़ों के आबोहवा की निगरानी करना शुरू कर दिया है.

क्षेत्रीय प्रबंधक पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड डीके जोशी ने बताया कि पहाड़ के जंगलों में लगी आग के बाद वातावरण दूषित होने की संभावनाएं जताई जा रही है. जिसको देखते हुए नैनीताल में तीन जगहों पर मशीनों के माध्यम से वातावरण की निगरानी की जा रही है. इसके अलावा मंगलवार को एक मशीन पिथौरागढ़ जनपद में लगाई गई है, जबकि चंपावत और अल्मोड़ा जनपद में मशीन लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिससे जंगलों की आग से दूषित होने वाले वातावरण की निगरानी की जा सके. बात नैनीताल की करें तो नैनीताल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) संतोषजनक से गिरकर औसत श्रेणी में पहुंच गया है.

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिपोर्ट के अनुसार 27 और 30 अप्रैल को जांच की गई. 27 अप्रैल को एक्यूआई 99 था जो संतोषजनक श्रेणी में आता है, जबकि 30 अप्रैल को एक्यूआई 101 पहुंच गया यह औसत श्रेणी में आता है. पीसीबी के मानकों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 तक अच्छा माना जाता है. 51 से 100 तक संतोषजनक और 101 से 200 तक औसत श्रेणी में आता है. 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 तक गंभीर श्रेणी में आता है. क्षेत्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रबंधक डीके जोशी ने बताया कि उपकरण के माध्यम से वातावरण की निगरानी की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजे जा रही है.

गौरतलब है कि कुमाऊं में दूनागिरि, सोमेश्वर,अस्कोट और बेतालघाट में जंगल आग से धधक रहे हैं,आग से किसानों के फल पट्टी को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं पहाड़ों पर लगी आग के चलते पर्यटक भी पहाड़ों पर नहीं पहुंच रहे हैं. आग से पर्यटन कारोबार को भी बुरा असर पड़ा है. सीमांत जिले पिथौरागढ़ और चंपावत के जंगलों में भी आग लगी हुई है.

पढ़ें-वनाग्नि को रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार, आग लगाने वालों पर होगी गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई, जब्त होगी संपत्ति

वनाग्नि की पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड मशीनों से कर रहा निगहबानी (ईटीवी भारत)

हल्द्वानी: पहाड़ के जंगलों में लगी आग जहां लोगों के लिए मुसीबत बन रही है. आज के चलते जहां जंगलों और वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं लोगों को जान तक गंवानी पड़ रही है. पहाड़ों की आग ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही अब शहरवासियों को डराने लगी है.धुएं से लोगों का दम फूलने लगा है. जिसको देखते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी पहाड़ों के आबोहवा की निगरानी करना शुरू कर दिया है.

क्षेत्रीय प्रबंधक पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड डीके जोशी ने बताया कि पहाड़ के जंगलों में लगी आग के बाद वातावरण दूषित होने की संभावनाएं जताई जा रही है. जिसको देखते हुए नैनीताल में तीन जगहों पर मशीनों के माध्यम से वातावरण की निगरानी की जा रही है. इसके अलावा मंगलवार को एक मशीन पिथौरागढ़ जनपद में लगाई गई है, जबकि चंपावत और अल्मोड़ा जनपद में मशीन लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिससे जंगलों की आग से दूषित होने वाले वातावरण की निगरानी की जा सके. बात नैनीताल की करें तो नैनीताल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) संतोषजनक से गिरकर औसत श्रेणी में पहुंच गया है.

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिपोर्ट के अनुसार 27 और 30 अप्रैल को जांच की गई. 27 अप्रैल को एक्यूआई 99 था जो संतोषजनक श्रेणी में आता है, जबकि 30 अप्रैल को एक्यूआई 101 पहुंच गया यह औसत श्रेणी में आता है. पीसीबी के मानकों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 तक अच्छा माना जाता है. 51 से 100 तक संतोषजनक और 101 से 200 तक औसत श्रेणी में आता है. 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 तक गंभीर श्रेणी में आता है. क्षेत्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रबंधक डीके जोशी ने बताया कि उपकरण के माध्यम से वातावरण की निगरानी की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजे जा रही है.

गौरतलब है कि कुमाऊं में दूनागिरि, सोमेश्वर,अस्कोट और बेतालघाट में जंगल आग से धधक रहे हैं,आग से किसानों के फल पट्टी को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं पहाड़ों पर लगी आग के चलते पर्यटक भी पहाड़ों पर नहीं पहुंच रहे हैं. आग से पर्यटन कारोबार को भी बुरा असर पड़ा है. सीमांत जिले पिथौरागढ़ और चंपावत के जंगलों में भी आग लगी हुई है.

पढ़ें-वनाग्नि को रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार, आग लगाने वालों पर होगी गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई, जब्त होगी संपत्ति

Last Updated : May 7, 2024, 6:43 PM IST
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