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मीसाबंदी सम्मान निधि पर सियासत, कांग्रेस का आरोप बीजेपी अपने लोगों को दे रही लाभ, बीजेपी बोली लाभ नहीं बंदियों का सम्मान

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 27, 2024, 7:49 PM IST

Misabandi Samman Nidhi छत्तीसगढ़ में मीसाबंदियों की सम्मान निधि 2019 में बंद कर दी गई थी. जिसे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने फिर से शुरु करने का ऐलान किया. जिसके बाद कांग्रेस और बीजेपी में राजनीति शुरु हो गई.कांग्रेस ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि को संघ और बीजेपी से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने वाला बताया.वहीं बीजेपी ने इसे आपातकाल में लोकतंत्र बचाने का सम्मान कहा है.साथ ही साथ राजीव युवा मितान क्लब को लेकर घोटाले का आरोप लगाया है.Politics Between Congress And BJP

Misabandi Samman Nidhi
मीसाबंदी सम्मान निधि पर सियासत
मीसाबंदी सम्मान निधि पर सियासत

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसाबंदियों की बंद की गई सम्मान निधि को दोबारा शुरु किया है. इस फैसले का स्वागत सभी मीसा बंदियों ने किया. आपको बता दें कि पूर्व की भूपेश सरकार ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि बंद कर दी थी.लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार जाने के बाद बीजेपी सत्ता में आई.विष्णुदेव साय सरकार ने अपने फैसलों में मीसाबंदियों की सम्मान निधि को दोबारा शुरु करने का फैसला लिया.लेकिन अब इस सम्मान निधि को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है.

मीसाबंदियों का बीजेपी सरकार में सम्मान : छत्तीसगढ़ विष्णुदेव साय सरकार ने फिर से मीसाबंदी सम्मान निधि चालू की है.जिसे लेकर विधायक धरमलाल कौशिक ने फैसले का स्वागत किया है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि डॉ रमन सिंह की बीजेपी सरकार ने सम्मान निधि शुरू की. जो स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हें सम्मान निधि दी जाती थी. लेकिन कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इसे बंद कर दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की. लोकतंत्र सेनानी की पेंशन दोबारा शुरू की जाएगी.


संघ के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सम्मान निधि : वहीं सम्मान निधि को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मीसा बंदी पेंशन के माध्यम से संघ और बीजेपी से जुड़े लोगों को लाभ मिल रहा है. इससे सरकारी खजाने को लूट जाएगा. रमन सिंह की सरकार में भी इसी तरह से लूटा जा रहा था. कांग्रेस की सरकार आते ही इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन अब फिर से इसे शुरु किया जा रहा,जो दुर्भाग्यजनक है.

''बेरोजगारों को भत्ता नहीं दिया जा रहा है, घर-घर में 500 रुपए सिलेंडर का वादा किया, वह पूरा नहीं किया जा रहा है. गोबर खरीदी बंद कर दी गई है.किसानों को 3100 रुपए समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा है. ये केवल अपने लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के योजना शुरु की गई है.'' धनंजय ठाकुर प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

मीसाबंदियों के लिए पेंशन सही : वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पलटवार किया है. संजय श्रीवास्तव की माने तो कांग्रेस वैचारिक रूप से संक्रमित हो चुकी है. देश की आजादी के लिए लड़ाई हुई थी.जिसमें अनेक लोगों ने देश के लिए अपनी शहादत दी थी. वहीं एक ऐसा काल आया जब देश के अंदर मीसा लगा.देश के अंदर में जो आम आदमी की अभिव्यक्ति थी, उसे जिस तरीके से कुचला गया.

राजीव मितान क्लब के नाम पर लूट : संजय श्रीवास्तव की माने तो 19 महीने तक कांग्रेस की सरकार में जेल की सलाखों के पीछे रखकर लोगों को प्रताड़ना दी गई. दूसरे कार्यकर्ताओं और मीडिया के पत्रकारों को भी सलाखों के पीछे भेजा. ऐसा लगा कि 25 जून 1975 को यह लोकतंत्र नहीं राजतंत्र की व्याख्या हुई थी. ऐसे मीसाबंदियों को पिछली बार भी बीजेपी सरकार ने एक पेंशन दिया था. जिसे बदले की भावना से भूपेश सरकार ने बंद कर दिया था.वहीं राजीव मितान क्लब को लेकर संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पर हमला बोला.

''कांग्रेस सरकार राजीव मितान क्लब करके पार्टी शॉर्टी करने वाले लोगों को यह पैसा दे रहे थी. मीसाबंदी वे लोग नहीं है. पैसे का दुरुपयोग और पैसे को उड़ाने का काम भूपेश सरकार ने किया. राजीव मितान क्लब के नाम पर करोड़ों रुपए उड़ा दिए. जिसकी जांच होने वाली है. '' संजय श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी


आपको बता दें कि मीसाबंदी सम्मान निधि को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति तेज हो गई है. मीसाबंदी सम्मान निधि योजना को भूपेश सरकार ने 2019 में बंद किया था. इसके बाद एक बार फिर बीजेपी ने इसे शुरू किया है. जिसके बाद दोनों ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जहां एक ओर बीजेपी इसे आपातकाल के बंदियों का सम्मान बता रही है.वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सम्मान निधि को संघ और बीजेपी के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने वाला बताया है.

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मीसाबंदी सम्मान निधि पर सियासत

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसाबंदियों की बंद की गई सम्मान निधि को दोबारा शुरु किया है. इस फैसले का स्वागत सभी मीसा बंदियों ने किया. आपको बता दें कि पूर्व की भूपेश सरकार ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि बंद कर दी थी.लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार जाने के बाद बीजेपी सत्ता में आई.विष्णुदेव साय सरकार ने अपने फैसलों में मीसाबंदियों की सम्मान निधि को दोबारा शुरु करने का फैसला लिया.लेकिन अब इस सम्मान निधि को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है.

मीसाबंदियों का बीजेपी सरकार में सम्मान : छत्तीसगढ़ विष्णुदेव साय सरकार ने फिर से मीसाबंदी सम्मान निधि चालू की है.जिसे लेकर विधायक धरमलाल कौशिक ने फैसले का स्वागत किया है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि डॉ रमन सिंह की बीजेपी सरकार ने सम्मान निधि शुरू की. जो स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हें सम्मान निधि दी जाती थी. लेकिन कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इसे बंद कर दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की. लोकतंत्र सेनानी की पेंशन दोबारा शुरू की जाएगी.


संघ के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सम्मान निधि : वहीं सम्मान निधि को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मीसा बंदी पेंशन के माध्यम से संघ और बीजेपी से जुड़े लोगों को लाभ मिल रहा है. इससे सरकारी खजाने को लूट जाएगा. रमन सिंह की सरकार में भी इसी तरह से लूटा जा रहा था. कांग्रेस की सरकार आते ही इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन अब फिर से इसे शुरु किया जा रहा,जो दुर्भाग्यजनक है.

''बेरोजगारों को भत्ता नहीं दिया जा रहा है, घर-घर में 500 रुपए सिलेंडर का वादा किया, वह पूरा नहीं किया जा रहा है. गोबर खरीदी बंद कर दी गई है.किसानों को 3100 रुपए समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा है. ये केवल अपने लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के योजना शुरु की गई है.'' धनंजय ठाकुर प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

मीसाबंदियों के लिए पेंशन सही : वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पलटवार किया है. संजय श्रीवास्तव की माने तो कांग्रेस वैचारिक रूप से संक्रमित हो चुकी है. देश की आजादी के लिए लड़ाई हुई थी.जिसमें अनेक लोगों ने देश के लिए अपनी शहादत दी थी. वहीं एक ऐसा काल आया जब देश के अंदर मीसा लगा.देश के अंदर में जो आम आदमी की अभिव्यक्ति थी, उसे जिस तरीके से कुचला गया.

राजीव मितान क्लब के नाम पर लूट : संजय श्रीवास्तव की माने तो 19 महीने तक कांग्रेस की सरकार में जेल की सलाखों के पीछे रखकर लोगों को प्रताड़ना दी गई. दूसरे कार्यकर्ताओं और मीडिया के पत्रकारों को भी सलाखों के पीछे भेजा. ऐसा लगा कि 25 जून 1975 को यह लोकतंत्र नहीं राजतंत्र की व्याख्या हुई थी. ऐसे मीसाबंदियों को पिछली बार भी बीजेपी सरकार ने एक पेंशन दिया था. जिसे बदले की भावना से भूपेश सरकार ने बंद कर दिया था.वहीं राजीव मितान क्लब को लेकर संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पर हमला बोला.

''कांग्रेस सरकार राजीव मितान क्लब करके पार्टी शॉर्टी करने वाले लोगों को यह पैसा दे रहे थी. मीसाबंदी वे लोग नहीं है. पैसे का दुरुपयोग और पैसे को उड़ाने का काम भूपेश सरकार ने किया. राजीव मितान क्लब के नाम पर करोड़ों रुपए उड़ा दिए. जिसकी जांच होने वाली है. '' संजय श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी


आपको बता दें कि मीसाबंदी सम्मान निधि को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति तेज हो गई है. मीसाबंदी सम्मान निधि योजना को भूपेश सरकार ने 2019 में बंद किया था. इसके बाद एक बार फिर बीजेपी ने इसे शुरू किया है. जिसके बाद दोनों ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जहां एक ओर बीजेपी इसे आपातकाल के बंदियों का सम्मान बता रही है.वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सम्मान निधि को संघ और बीजेपी के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने वाला बताया है.

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