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ऐसे पकड़े गए पेपर लीक के मास्टरमाइंड, भक्त बनकर बरसाने की गलियों में घूमी पुलिस, घरों में सप्लाई किए सिलेंडर - Paper Leak Accused arrested

पेपर लीक गिरोह से जुड़े ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और सम्मी विश्नोई को जोधपुर रेंज आईजी की विशेष टीम ने पकड़कर एसओजी को सौंप दिया है. पुलिस की एक टीम ने भक्त बनकर बरसाने की गलियां छानी तब जाकर सम्मी विश्नोई पकड़ी गई. ओमप्रकाश और सुनील हैदराबाद में छिपे हुए थे. जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की टीम कंधे पर सिलेंडर उठाकर घर में सप्लाई करने पहुंची.

पेपर लीक के आरोपी गिरफ्तार
पेपर लीक के आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 7:25 PM IST

ऐसे पकड़े गए पेपर लीक के मास्टरमाइंड (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. पेपर लीक के मामले का जयपुर के एसओजी मुख्यालय में बुधवार को एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह और जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने प्रेस वार्ता कर खुलासा किया. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि ओमप्रकाश ढाका के राजनीतिक ताल्लुक हैं और उसने सशर्त सरेंडर के लिए अलग-अलग माध्यम से एसओजी को एप्रोच किया था, लेकिन एसओजी ने स्वीकार नहीं किया. जोधपुर रेंज आईजी टीम ने 75 हजार रुपए के इनामी बदमाश ओमप्रकाश ढाका, 70 हजार रुपए की इनामी सम्मी विश्नोई और 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश सुनील बेनीवाल को पकड़कर एसओजी के हवाले कर दिया है. इन्हें रिमांड पर लेकर एसओजी पूछताछ कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सुरेश ढाका ने भी सशर्त सरेंडर करने के लिए अलग-अलग माध्यम से संपर्क किया, लेकिन एसओजी ने इनकार कर दिया. उसे भी पकड़ लिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान पेपर लीक गैंग के दो इनामी बदमाश हैदराबाद से गिरफ्तार, बड़े खुलासे की संभावना - SOG Action

तीन बदमाशों के लिए तीन ऑपरेशन : जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि सम्मी विश्नोई को पकड़ने के लिए एक टीम मथुरा और बरसाना जाकर गली-गली घूमी. उसके बारे में जानकारी मिली की उसकी एक भतीजी आजकल मथुरा और वृंदावन ज्यादा जा रही है. इस ऑपरेशन को राज्यवृक्ष नाम दिया गया. भक्तों की टोलियों में शामिल सम्मी को टीम ने गोरक्षा यात्रा में आरती करते हुए पहचान लिया और इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया. इसी तरह सुनील बेनीवाल को पकड़ने के लिए ऑपेरशन डार्क ब्लू और ओमप्रकाश ढाका को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शिव बांग्ला चलाया गया.

हैदराबाद में दर्जनभर लोगों पर रखी नजर : राजस्थान के जालोर के कई लोग हैदराबाद में रहते हैं. इनमें से शक के आधार पर दर्जनभर लोगों पर पुलिस ने नजर रखी. पेपर लीक माफिया से जुड़े विदेश में छिपे बदमाशों के कॉल में हैदराबाद में ज्यादा आने की जानकारी मिली. इसके आधार पर एक संदिग्ध के घर पर गैस सप्लाई और टीवी चैनल के पैटर्न का बारीकी से अनुसंधान किया गया. रात को दो बजे गैस कंपनी के अधिकारी से उस संदिग्ध का 17 अंकों का कोड हासिल कर उसका पता निकाला गया और इसके बाद डिलिवरी बॉय बनकर पुलिस पहुंची, जहां ओमप्रकाश और सुनील मिले.

इस साल 100 से ज्यादा परीक्षाएं सफलतापूर्वक हुईं : एडीजी वीके सिंह ने बताया कि पहले राजस्थान भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए जाना जाता था. इस साल अब तक छोटी-बड़ी 100 भर्ती परीक्षाएं सफलतापूर्वक हुई हैं. उन्होंने कहा कि पहले पेपर लीक में पकड़े गए आरोपी जमानत पर छूट जाते थे. अब पकड़े गए आरोपियों को जमानत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में डमी अभ्यर्थी बिठाने की लगातार जानकारी मिल रही है. इस पर भी नजर रखी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- पेपर लीक सरगना ओमप्रकाश ढाका गहलोत सरकार में महंगाई राहत शिविर का उद्घाटन करता रहा, पुलिस मूक बनी रही - Paper leak Accused Omprakash dhaka

फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का खेल : एसओजी की जांच में सामने आया है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (चूरू) और मेवाड़ यूनिवर्सिटी से जारी फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में अनुसंधान चल रहा है. पीटीआई भर्ती में 1336 अभ्यर्थियों ने जानकारी दी कि उनके पास ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री है, जबकि उसमें बीपीएड की महज 100 सीट हैं. इन दोनों यूनिवर्सिटी में प्रवेश पर सरकार ने रोक लगा दी है.

पांच साल में नौकरी लगने वालों की दुबारा जांच : एडीजी वीके सिंह का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली की जानकारी मिली है. एसओजी की सिफारिश पर सरकार ने पांच साल में नौकरी लगे लोगों की दुबारा जांच करवाने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि पेपर लीक मामले में 92 सरकारी कर्मचारी एसओजी की रडार पर हैं और उनकी विभागीय जांच भी चल रही है. उन्होंने कहा कि सुरेश ढाका की प्रॉपर्टी जब्त करने की कवायद भी चल रही है.

ऐसे पकड़े गए पेपर लीक के मास्टरमाइंड (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. पेपर लीक के मामले का जयपुर के एसओजी मुख्यालय में बुधवार को एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह और जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने प्रेस वार्ता कर खुलासा किया. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि ओमप्रकाश ढाका के राजनीतिक ताल्लुक हैं और उसने सशर्त सरेंडर के लिए अलग-अलग माध्यम से एसओजी को एप्रोच किया था, लेकिन एसओजी ने स्वीकार नहीं किया. जोधपुर रेंज आईजी टीम ने 75 हजार रुपए के इनामी बदमाश ओमप्रकाश ढाका, 70 हजार रुपए की इनामी सम्मी विश्नोई और 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश सुनील बेनीवाल को पकड़कर एसओजी के हवाले कर दिया है. इन्हें रिमांड पर लेकर एसओजी पूछताछ कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सुरेश ढाका ने भी सशर्त सरेंडर करने के लिए अलग-अलग माध्यम से संपर्क किया, लेकिन एसओजी ने इनकार कर दिया. उसे भी पकड़ लिया जाएगा.

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तीन बदमाशों के लिए तीन ऑपरेशन : जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि सम्मी विश्नोई को पकड़ने के लिए एक टीम मथुरा और बरसाना जाकर गली-गली घूमी. उसके बारे में जानकारी मिली की उसकी एक भतीजी आजकल मथुरा और वृंदावन ज्यादा जा रही है. इस ऑपरेशन को राज्यवृक्ष नाम दिया गया. भक्तों की टोलियों में शामिल सम्मी को टीम ने गोरक्षा यात्रा में आरती करते हुए पहचान लिया और इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया. इसी तरह सुनील बेनीवाल को पकड़ने के लिए ऑपेरशन डार्क ब्लू और ओमप्रकाश ढाका को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शिव बांग्ला चलाया गया.

हैदराबाद में दर्जनभर लोगों पर रखी नजर : राजस्थान के जालोर के कई लोग हैदराबाद में रहते हैं. इनमें से शक के आधार पर दर्जनभर लोगों पर पुलिस ने नजर रखी. पेपर लीक माफिया से जुड़े विदेश में छिपे बदमाशों के कॉल में हैदराबाद में ज्यादा आने की जानकारी मिली. इसके आधार पर एक संदिग्ध के घर पर गैस सप्लाई और टीवी चैनल के पैटर्न का बारीकी से अनुसंधान किया गया. रात को दो बजे गैस कंपनी के अधिकारी से उस संदिग्ध का 17 अंकों का कोड हासिल कर उसका पता निकाला गया और इसके बाद डिलिवरी बॉय बनकर पुलिस पहुंची, जहां ओमप्रकाश और सुनील मिले.

इस साल 100 से ज्यादा परीक्षाएं सफलतापूर्वक हुईं : एडीजी वीके सिंह ने बताया कि पहले राजस्थान भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए जाना जाता था. इस साल अब तक छोटी-बड़ी 100 भर्ती परीक्षाएं सफलतापूर्वक हुई हैं. उन्होंने कहा कि पहले पेपर लीक में पकड़े गए आरोपी जमानत पर छूट जाते थे. अब पकड़े गए आरोपियों को जमानत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में डमी अभ्यर्थी बिठाने की लगातार जानकारी मिल रही है. इस पर भी नजर रखी जा रही है.

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फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का खेल : एसओजी की जांच में सामने आया है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (चूरू) और मेवाड़ यूनिवर्सिटी से जारी फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में अनुसंधान चल रहा है. पीटीआई भर्ती में 1336 अभ्यर्थियों ने जानकारी दी कि उनके पास ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री है, जबकि उसमें बीपीएड की महज 100 सीट हैं. इन दोनों यूनिवर्सिटी में प्रवेश पर सरकार ने रोक लगा दी है.

पांच साल में नौकरी लगने वालों की दुबारा जांच : एडीजी वीके सिंह का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली की जानकारी मिली है. एसओजी की सिफारिश पर सरकार ने पांच साल में नौकरी लगे लोगों की दुबारा जांच करवाने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि पेपर लीक मामले में 92 सरकारी कर्मचारी एसओजी की रडार पर हैं और उनकी विभागीय जांच भी चल रही है. उन्होंने कहा कि सुरेश ढाका की प्रॉपर्टी जब्त करने की कवायद भी चल रही है.

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