नैनीतालः भवाली मार्ग पर टूटा पहाड़ के पास पैराफिट में बैठे दो युवक अनियंत्रित होकर करीब 80 मीटर गहरी खाई में गिर गए. वाहन चालक और स्थानीय दुकानदार की सूचना पर पहुंची पुलिस, अग्निशमन विभाग और एसडीआरएफ की टीम ने राहगीरों की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाकर दोनों को खाई से निकाला. दोनों को उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.
घटना के मुताबिक, नैनीताल के तल्लीताल गुफा महादेव निवासी जगत असवाल अपने दोस्त सचिन सिंह कुंवर निवासी टनकपुर के साथ बुधवार शाम भवाली रोड पर टूटा पहाड़ क्षेत्र में पैराफिट पर बैठे हुए थे. इस दौरान सचिन का संतुलन बिगड़ा तो वह नीचे गिर गया. जिसे बचाने के प्रयास में जगत भी खाई में लुढ़क गया. दोनों की चीख पुकार सुन क्षेत्र में वाहन चालकों और स्थानीय दुकानदार ने तत्काल पुलिस को घटना की सूचना दी.
सूचना के बाद तल्लीताल एसओ रमेश सिंह बोहरा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस के खाई में उतरने तक अग्निशमन विभाग और एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई. टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर राहगीरों की मदद से दोनों घायलों को खाई से बाहर निकाला. निजी वाहन और 108 की मदद से दोनों को बीडी पांडे अस्पताल पहुंचाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.
समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस: भवाली रोड में हुए सड़क हादसे में एक बार फिर 108 एंबुलेंस सेवा के समय पर पहुंचने के दावे की पोल खोलकर रख दी. शाम करीब पांच बजे हादसा होने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस के वायरलेस में सूचना प्रसारित करने के बाद एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग की टीम तो मौके पर पहुंच गई, मगर एंबुलेंस नहीं पहुंची. रेस्क्यू के बीच में ही राहगीरों ने करीब साढ़े पांच बजे 108 को फोन कर घटना की सूचना दी. करीब 5:45 बजे आधी खाई में अटके सचिन सिंह कुंवर को रेस्क्यू कर सड़क तक लाया गया.
निजी वाहन से घायल पहुंचा अस्पताल: मगर घटनास्थल शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित होने के बावजूद 108 एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी. करीब 10 मिनट तक मरीज को लहूलुहान अवस्था में जब सड़क पर लेटाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो लोग निजी वाहन से उसे बीडी पांडे अस्पताल लेकर पहुंचे. हालांकि दूसरे घायल को करीब साढ़े छह बजे खाई से निकालने के बाद 108 से अस्पताल लाया गया. वहीं घायलों को बीडी पांडे अस्पताल से हल्द्वानी रेफर किए जाने के लिए भी मरीज को एंबुलेंस के इंतजार में करीब 1 घंटे से अधिक का इंतजार करना पड़ा.
टीके टम्टा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी नैनीताल का कहना है कि नैनीताल की एंबुलेंस किसी मरीज को लेकर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल गई हुई थी. इसलिए दूसरे स्थान से एंबुलेंस मंगाई गई. जिससे घटना स्थल पहुंचने पर देरी हुई.
राहगीरों की मदद और रेस्क्यू टीम की तत्परता से बची जान: हादसे के बाद राहगीर रेस्क्यू टीम की बड़ी मदद बनकर सामने आए. रेस्क्यू टीमें तो समय पर मौके पर पहुंच गई. मगर अंधेरा होने और घटनास्थल में खड़ी और गहरी खाई ने टीम की परेशानी बढ़ा दी. टीम ने तत्परता दिखाई तो राहगीर भी मदद बनकर सामने आ खड़े हुए. घायलों को स्ट्रेचर में बांधने के बाद दर्जनों लोगों ने रस्सी को खींचकर घायलों को खाई से बाहर निकाला. लोगों की मदद और रेस्क्यू टीम की तत्परता से घायलों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सका.
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