सीतापुर : पाल्हापुर का बहुचर्चित नरसंहार मामला बुधवार को एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. छह लोगों की निर्मम हत्या करने के आरोप में अजीत को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन इस नरसंहार में अजीत के अलावा किसी और के भी होने की आशंका जताई जा रही है.
बुधवार को एएसपी साउथ की मौजूदगी में पड़ोस के गांवों से दो युवकों को बुलाकर तीन पुतले छत से नीचे फेंकवाकर क्राइम सीन रीक्रिएशन किया गया. दो लोगों से क्राइम सीन दोहराए जाने से आशंका जताई जा रही है कि पुलिस की तफ्तीश भी इसी लाइन पर चलने लगी है.
गौरतलब है कि रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पाल्हापुर गांव में 11 मई की तड़के अनुराग सिंह उसकी पत्नी प्रियंका, बेटी आश्वी व आर्ना, पुत्र आद्विक तथा मां सावित्री की गोली मारकर व हथौड़ी से प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं आश्वी व आद्विक को जिंदा छत से नीचे फेंकने के बाद उनके सिर व चेहरे को हथौड़ी से कूचा गया था. इस बहुचर्चित मामले में मृतक अनुराग के छोटे भाई अजीत सिंह को आरोपी बनाकर हत्या समेत अन्य मामलों में जेल भेज दिया था.
बुधवार को यह प्रकरण एक बार फिर तब चर्चा में आ गया जब दोपहर के समय एएसपी साउथ डॉ प्रवीन रंजन, सीओ महमूदाबाद दिनेश शुक्ला, रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष महेश चंद्र पांडेय व एफएसएल टीम पाल्हापुर गांव पहुंची. मृतक अनुराग के घर की बाउंड्रीवॉल का गेट बंद कराकर डेढ़ घंटे तक पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने जांच की. इस दौरान अजीमखांपुरवा निवासी वीरेश व रंजीतपुरवा निवासी सर्वेश को मौके पर बुलाकर इन दोनों ग्रामीणों से बच्चों के वजन के पुतले दो मंजिल से नीचे फेंकवाए गए. यहां पर यह गौर करने की बात है कि इससे पूर्व दो बार हुए क्राइम सीन रीक्रिएशन में इकलौते अजीत से ही पुतले फेंकवाए गए थे लेकिन, आज दो लोगों ने सीन दोहराया, जिससे वारदात में अजीत के अलावा किसी और शख्स के होने की आशंका पुलिस को भी है. डेढ़ घंटे की पड़ताल करने के बाद पुलिस टीम बगैर किसी से बात किए वापस लौट गई.
हत्यारोपी अजीत सिंह निलंबित : पाल्हापुर नरसंहार के आरोपी शिक्षक अजीत सिंह को बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने निलंबित कर दिया. निलंबन की कार्रवाई बीईओ रामपुर मथुरा की रिपोर्ट के आधार की गई है. अजीत पर हत्या का आरोप होने के चलते जेल भेज दिया गया है. बीएसए ने बताया कि अजीत को निर्वाह भत्ता भी निलंबन की अवधि में नहीं दिया जाएगा.